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अफजल को नहीं होनी चाहिए फांसी :बेनी प्रसाद वर्मा:


नई दिल्ली। विवादित बयानों के लिए मशहूर केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने संसद पर हमले की 11 वीं बरसी पर भी एक तुर्रा छोड़ दिया। संसद परिसर में रिपोर्टर नेताओं से हमले के दोषी अफजल गुरु पर सवाल पूछ रहे थे। इसी दौरान बेनी प्रसाद वर्मा ने कह दिया कि अफजल गुरु को फांसी नहीं, उम्रकैद होनी चाहिए।

हालांकि, थोड़ी ही देर में वह अपने बयान से पलट भी गए। जब पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया तो वह कहने लगे कि इस मामले में जो राष्ट्रपति फैसला लेंगे, वही होना चाहिए। जब उनसे पत्रकारों ने सवाल किया कि अभी तो आपने कहा था कि फांसी नहीं उम्रकैद होनी चाहिए, इसके जवाब में बेनी प्रसाद वर्मा ने पलट कर रिपोर्टरों से ही पूछ डाला कि क्या आपने मेरी बात सुनी थी?

13 दिसंबर 2001 को ससंद पर हुए आतंकी हमले की 11 वीं बरसी पर उसमें शहीद हुए लोगों को राज्यसभा में आज श्रद्धांजलि दी गई। सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि इस हमले के दौरान आतंकवादियों को रोकते हुए सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान गंवा दी और सर्वोच्च बलिदान दिया। हमले में 13 लोगों की जान गई थी।

उन्होंने कहा कि हमले की 11 वीं बरसी पर हम यह संकल्प दोहराते हैं कि आतंकवाद का हर कीमत पर मुकाबला करेंगे और देश की अखंडता तथा संप्रभुता की रक्षा करेंगे।

इसके बाद सदस्यों ने हमले में मारे गए लोगों की स्मृति में कुछ पल मौन रखा।

वहीं लोकसभा में अफजल गुरू को फांसी दिए जाने की मांग को लेकर भी खूब हो-हल्ला हुआ। सांसदों ने इतना शोर मचा दिया कि आम तौर पर शांत रहने वाली स्पीकर मीरा कुमार भी गुस्से में आ गईं। उन्होंने सांसदों को शहीदों की शहादत की इज़्ज़त करने की नसीहत दे डाली। मीरा कुमार ने कहा कि वो लोग ऐसा दिन देखने के लिए शहीद नहीं हुए थे। शांत हो जाइए और सदन को चलने दीजिए
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