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CBI पर होता है राजनीतिक दबाव : पूर्व CBI चीफ यूएस मिश्रा


नई दिल्ली । पूर्व सीबीआई निदेशक यूएस मिश्रा ने यह कहकर खलबली मचा दी है कि बड़े नेताओं के खिलाफ चल रहे मामलों में सीबीआई पर राजनीतिक दबाव होता है। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक दलों की तरफ से बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। सरकार की ओर से भी इसकी गंभीरता को कम करने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। कहा जा रहा है कि इतने दिनों बाद इस तरह के बयान देने का कोई मतलब नहीं बनता।

गौरतलब है कि सीबीआई के पूर्व निदेशक यू एस मिश्रा ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि जब हम किसी बड़े नेता का कोई केस देख रहे होते हैं तो हम पर थोड़ा-बहुत राजनीतिक दबाव तो होता ही है। हम पर केस जल्दी बंद करने या उसकी खास तरह से व्याख्या करने के लिए दबाव डाला जाता है।

इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में बवाल मचा हुआ है। जहां बीजेपी इस बयान के बाद सरकार को घेरने की मुहिम में जुट गई है वहीं सरकार इसे नजरअंदाज करने की पूरी कोशिश कर रही है।

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, हम शुरू से जो बात कह रहे हैं वह आखिरकार अब सही साबित हो गई है। अब सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए।

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री नारायणसामी ने कहा, 'जहां तक सीबीआई की बात है, यह एक स्वतंत्र संस्था है जो अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर काम करती है और हमारी सरकार की ओर से कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होता।' विधि मंत्री अश्वनी कुमार ने भी इस आरोप को खारिज किया कि सीबीआई निदेशक पर सरकार की ओर से कोई दबाव होता है।

संसदीय मामलों के राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने इस मामले में बीजेपी को ही घेरते हुए कहा कि जहां तक मुझे याद है मिश्रा सीबीआई निदेशक के तौर पर जब काम कर रहे थे, उस समय एनडीए का शासन था, इसलिए उनके आरोपों पर बीजेपी को जवाब देना चाहिए।

राजीव शुक्ला की बात का जवाब देते हुए बीजेपी नेता वैंकेया नायडू ने एनडीए शासन की बात करके मिश्रा के आरोप को टालना सही नहीं है। नायडू ने कहा कि भूलना नहीं चाहिए कि इसी तरह के विचार पूर्व सीबीआई निदेशक जोगिंदर सिंह भी जाहिर कर चुके हैं।

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