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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

केजरीवाल ने अन्ना की मुहिम को बताया राजनैतिक


नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अपने पूर्व सहयोगी अरविंद केजरीवाल के प्रति बदली राय पर खुद को जायज ठहराया है। एक बार फिर उन्होंने केजरीवाल को समर्थन न देने की बात कही है। उनका कहना है-'केजरीवाल के बारे में मेरी राय समय के साथ बदली है। मैं सही समय पर अपनी बात रखूंगा। अभी वजह बताऊंगा तो हंगामा बरप जाएगा।'

सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में अन्ना ने कहा-'अगर केजरीवाल मुझसे समर्थन पाने की उम्मीद रखते हैं तो वह सपना देख रहे हैं। मैं किसी भी हालत में उनका समर्थन नहीं करूंगा।' गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही एक समारोह में अन्ना ने कहा था कि केजरीवाल अगर चुनावों में खड़े होते हैं तो वह उनका व उनकी आम आदमी पार्टी [आप] का समर्थन करेंगे।

इससे पहले पिछले हफ्ते अन्ना ने केजरीवाल को लालची करार दिया था। कहा था कि सत्ता पाने के लिए ही केजरीवाल ने राजनीतिक दल का निर्माण किया है। इसलिए वह उनको वोट नहीं देंगे। हजारे ने कहा कि वह केजरीवाल के बारे में और ज्यादा बात नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कभी किसी से नहीं कहा कि अमुक व्यक्ति या पार्टी को वोट दो। उन्हें अगर राजनीति में विश्वास होता तो वह कब का चुनावों में खड़े हो चुके होते।

हजारे ने बताया कि संसद में मजबूत लोकपाल बिल पास न होने की स्थिति में वह जल्द ही आंदोलन छेड़ने जा रहे हैं। उन्होंने कहा-'मैं राज्यसभा में पेश बिल का अध्ययन कर रहा हूं। अगर यह मजबूत नहीं होगा तो 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले पूरे देश में आंदोलन छेड़ा जाएगा।' 30 जनवरी से प्रस्तावित अपने देशव्यापी भ्रमण के बारे में अन्ना ने बताया कि यह अगले साल 30 जनवरी से पुणे से शुरू होगा। इस दौरान वह लोगों को जागरूक करेंगे।

अन्ना ने कहा-'लोकसभा संविधान को कायम नहीं रख पा रही है। देश में गरीबों और अमीरों के बीच की खाई चौड़ी होती जा रही है। इस संसद के भंग होने का समय अब आ गया है।' स्वामी विवेकानंद की जयंती [12 जनवरी] पर अन्ना अपने गांव रालेगण सिद्धि में नए दफ्तर का शिलान्यास करेंगे। इस मौके पर देश सेवा के लिए तैयार कम से कम एक हजार युवाओं को इकट्ठा करना उनका उद्देश्य होगा।

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