इंडियन एक्सप्रेस को खबर देने के आरोप में अब टीम अन्ना ने सीधे सीधे केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम का नाम लिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह को एक पत्र लिख कर कहा है कि इस मामले में गृहमंत्री को लेकर जिस तरह की आशंका जताई जा रही है, वह बेहद गंभीर मामला है। साथ ही उन्होंने एक सख्त लोकपाल कानून पास कर रक्षा क्षेत्र में होने वाले भ्रष्टाचार को भी इसमें शामिल करने की मांग दुहराई है।
इस पत्र में अखबारों में छपी खबरों का हवाला दे कर सेना प्रमुख के मामले में गृहमंत्री पी. चिदंबरम की भूमिका पर सवाल उठाया गया है। इसमें उन्होंने लिखा है दी गार्डियन ने इस बात का खुलासा किया था कि इस खबर के पीछे संप्रग के ही एक मंत्री का हाथ है और यह सिर्फ चिदंबरम की तरफ इशारा करता है। क्या यह सच है? अगर यह सच है तो आप स्थिति की गंभीरता को समझ सकते हैं। जिस देश का गृहमंत्री देश की सेना को कमजोर करने लगे, वह देश कितना सुरक्षित है।
वहीं टीम अन्ना के सहयोगी प्रशांत भूषण ने भी कि पीएम को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि यह खबर जिस इंडियन एक्सप्रेस में छपी उससे एक दिन पहले ही इंडियन एक्सप्रेस के संपादक शेखर गुप्ता ने केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के साथ दिल्ली में ही एक फाइव स्टार होटल में रात का भोजन लिया था।
उधर, टीम अन्ना के अर्जुन अरविंद केजरीवाल ने भी सवाल उठाया कि जिस तरह सेना में लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं, उसके बाद हैरानी हो रही है कि आखिर सरकार इस क्षेत्र के भ्रष्टाचार को लोकपाल के तहत क्यों नहीं लाना चाहता। इसी तरह अन्ना ने अपने पत्र में सवाल उठाया है, इजराइल और चीन जैसे देश हथियार के मामले में आत्मनिर्भर हो चुके हैं, लेकिन भारत क्यों नहीं। कहीं ऐसा तो नहीं कि इससे दलालों, नेताओं और अफसरों के कमीशन बंद हो जाने का खतरा है।
इस पत्र में अखबारों में छपी खबरों का हवाला दे कर सेना प्रमुख के मामले में गृहमंत्री पी. चिदंबरम की भूमिका पर सवाल उठाया गया है। इसमें उन्होंने लिखा है दी गार्डियन ने इस बात का खुलासा किया था कि इस खबर के पीछे संप्रग के ही एक मंत्री का हाथ है और यह सिर्फ चिदंबरम की तरफ इशारा करता है। क्या यह सच है? अगर यह सच है तो आप स्थिति की गंभीरता को समझ सकते हैं। जिस देश का गृहमंत्री देश की सेना को कमजोर करने लगे, वह देश कितना सुरक्षित है।
वहीं टीम अन्ना के सहयोगी प्रशांत भूषण ने भी कि पीएम को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि यह खबर जिस इंडियन एक्सप्रेस में छपी उससे एक दिन पहले ही इंडियन एक्सप्रेस के संपादक शेखर गुप्ता ने केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के साथ दिल्ली में ही एक फाइव स्टार होटल में रात का भोजन लिया था।
उधर, टीम अन्ना के अर्जुन अरविंद केजरीवाल ने भी सवाल उठाया कि जिस तरह सेना में लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं, उसके बाद हैरानी हो रही है कि आखिर सरकार इस क्षेत्र के भ्रष्टाचार को लोकपाल के तहत क्यों नहीं लाना चाहता। इसी तरह अन्ना ने अपने पत्र में सवाल उठाया है, इजराइल और चीन जैसे देश हथियार के मामले में आत्मनिर्भर हो चुके हैं, लेकिन भारत क्यों नहीं। कहीं ऐसा तो नहीं कि इससे दलालों, नेताओं और अफसरों के कमीशन बंद हो जाने का खतरा है।