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मजबूर किसानों को मिला टीम अन्ना का सहारा

राजधानी के करीब 150 किसानों की 1600 एकड़ कृषि भूमि की नीलामी का बहुचर्चित मामला अब टीम अन्ना के पास पहुंच गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आश्वासन के डेढ़ साल बाद भी जिन किसानों को मालिकाना हक नहीं मिला, वे टीम अन्ना के सदस्य सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण के संपर्क में हैं। भूषण दो किसानों को सुप्रीम कोर्ट से स्थगन भी दिलवा चुके हैं।


1999 से 2007 तक भूमि विकास बैंक ने कई किसानों की जमीनें नियमों और प्रक्रियाओं के विपरीत नीलाम कर दी थीं। यह मामला अक्टूबर 2010 में चर्चा में आया था। उस समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन किसानों को भरोसा दिलाया था कि उन्हें जमीन का मालिकाना हक दिलवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग और भूमि विकास बैंक के अधिकारियों को निलंबित भी किया था। जिला प्रशासन ने नामांतरण निरस्त करने आदि की कार्रवाई भी की। इसके बाद दो दर्जन किसान हाईकोर्ट में चले गए।


हारे फिर भूषण से संपर्क किया करोंद बायपास के समीप अरवलिया के अकबरी बानो और आजम खां हाई कोर्ट की डबल बैंच में अपना केस हार गए। नीलामी के इस घोटाले को उजागर करने वाले भोपाल सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन विजय तिवारी बताते हैं कि हाई कोर्ट में यह दोनों सरकार के भरोसे रह गए और अपने मामले की पैरवी ठीक से नहीं कर पाए। इसके बाद तिवारी ने प्रशांत भूषण से उनकी बात कराई। भूषण की पैरवी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। तिवारी कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सभी किसानों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिलना सुनिश्चित हो जाएगा।
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