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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

अन्ना ने चव्हाण को लिखा पत्र

भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेडऩे वाले गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को पत्र लिखकर उनसे राज्य विधानमंडल में मजबूत लोकपाल विधेयक पेश लाने की अपील की है और साथ ही चेताया भी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनके पास आंदोलन करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचेगा। चव्हाण को कल भेजे पत्र में ७४ वर्षीय हजारे ने कहा कि लोकायुक्त कानून के बारे में आम जनता को जागरूक करने के लिए वह राज्य व्यापी दौरा करने की योजना बना रहे हैं और अगर सरकार मजबूत लोकपालविधेयक लाने में विफल रही तो वह प्रदर्शन का सामना करने के लिए तैयार हो जाए। हजारे ने कहा कि लोकायुक्त विधेयक का प्रारूप सरकार को अकेले ही तैयार नहीं करना चाहिए। उन्होंने मांग की कि इसे तैयार करने में सिविल सोसायटी की भी भागीदारी होनी चाहिए।




हजारे ने अपने पत्र के साथ लोकायुक्त विधेयक का वह प्रारूप भी सरकार को दोबारा भेजा जिसे सिविल सोसायटी के सदस्यों ने तैयार किया था और एक वर्ष पहले भी सरकार को भेजा गया था। हजारे के पत्र की प्रतियां यहां मीडिया में भी जारी की गयीं। उन्होंने अपने पत्र में कहा, लगभग एक वर्ष पहले सरकार ने मेरे और सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के साथ नागपुर में चर्चा की थी और भ्रष्टाचार से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर कदम उठाने का भी वादा किया था लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकार अपने उस वादे को पूरा करने में विफल रही है जो वादे मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली बैठक में किए गए थे। उस बैठक में कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी तथा मंत्री भी मौजूद थे। गांधीवादी समाजसेवी ने कहा, अब हमारे पास केवल प्रदर्शन करने का ही रास्ता बचा है। अगर सरकार कोई कदम उठाती है तो आंदोलन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने लोकायुक्त कानून पर अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा है कि इस विधेयक को पारित कराना संबंधित राज्यों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मजबूत लोकपाल विधेयक की जरूरत है और सरकार को इस संबंध में कदम उठाना चाहिए।
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