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प्लाट घोटाले में PM के पूर्व प्रधान सचिव

नई दिल्लीः अब एक और खुलासा सामने आया है. अंग्रेजी अखबर 'द हिन्दू' ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सलाहकार टीकेए नायर की भांजी और उनकी एक करीबी दोस्त को गलत ढंग से प्लॉट आवंटित करके फायदा पहुंचाया गया था और बाद में शिकायत होने पर दोनों प्लॉट लौटा दिए गए.

अंग्रेजी अख़बार 'द हिन्दू' का दावा है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सलाहकार टीकेए नायर की भांजी प्रीति प्रभा और उनकी एक करीबी महिला उमा देवी नांबियार को बैंगलोर के दक्षिणी इलाके में गलत ढंग से प्लॉट आवंटित किए गए थे.

अखबार के मुताबिक इस धांधली में टाट्रा घोटाले में शिकायत का सामना कर रहे बीईएमएल के सीएमडी वीआरएस नटराजन का भी हाथ था. आरोप है कि बीईएमएल कर्मचारियों की हाउसिंग सोसाइटी में नियमों को ताक पर रखकर ये प्लॉट दिए गए. ये आवंटन दिसंबर 2008 में किए गए थे.

जब बीईएमएल के एक पूर्व-कर्मचारी ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से की तो दिसंबर 2010 में बिना कोई कारण बताए दोनों प्लॉट लौटा दिए गए.

दक्षिण बैंगलोर के पॉश इलाके की सोसाइटी के ये प्लॉट नायर के करीबियों को सिर्फ 450 रुपये प्रति वर्गफुट की दर से दे दिए गए, जबकि उस वक्त इनकी बाजार में कीमत 2500-3000 रुपये प्रति वर्गफुट थी.

यानी 60 से 72 लाख रुपये के ये प्लॉट सिर्फ 10 लाख 80 हज़ार रुपये में दे दिए गए थे. पीएम और राष्ट्रपति से इस मामले की शिकायत करने वाले के एस पेरियास्वामी का दावा है कि ये आवंटन टाट्रा घोटाले में पीएमओ को खामोश रखने के इरादे से किया गया था.

वीआरएस नटराजन पर आरोप
बीईएमएल के सीएमडी वीआरएस नटराजन पर भी बीईएमएल कर्मचारियों के लिए बनी हाउसिंग सोसाइटी में घोटाला करने का आरोप लगा है. तहलका का दावा है कि बतौर चेयरमैन नटराजन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सोसाइटी में कई प्लॉट झपट लिए.

तहलका के मुताबिक नटराजन 2002 से बीईएमएल के सीएमडी हैं, लेकिन वो कंपनी के कर्मचारी नहीं हैं. इस नाते हाउसिंग सोसाइटी में उन्हें कुछ नहीं मिलना चाहिए था, लेकिन उन्हें सिर्फ 8.5 लाख में 6,000 हजार वर्ग फुट के दो प्लॉट मिले. जिस साल वो सीएमडी बने थे तभी उन्हें ये फ्लैट दिए गए थे.

साल 2005 में फिर से सोसाइटी के नियमों की अनदेखी करते हुए नटराजन को एक और प्लॉट 5330 वर्गफुट का मिला. नियम के मुताबिक सोसाइटी में जिसके पास प्लॉट है, उसे फिर से प्लॉट नहीं मिल सकता है.

नटराजन का नाम आजकल चर्चा में है. टाट्रा ट्रक घोटाले में सीबीआई उनसे पूछताछ कर चुकी है.
वीआरएस नटराज की सफाई

इस खबर पर बीईएमएल के चेयरमैन वीआरएस नटराजन का कहना है कि आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है.

नटराजन के मुताबिक हो सकता है कि टीकेए नायर की भांजी और दोस्त को सोसाइटी की एसोसिएट मेंबरशिप दी गई है. जमीन के जिस मालिक से जमीन खरीदी गई है, उसे दिए जाने वाले प्लॉट के हिस्से को वो जिसे कहता है उसे अलॉट कर दिया जाता है. अलॉटी सोसाइटी के एसोसिएट मेंबर हो सकते हैं.

शिकायतकर्ता करने वाले केएस पेरियास्वामी को अभद्र बर्ताव और सहकर्मियों के साथ झगड़े की कई शिकायतों के बाद बर्खास्त किया गया था. इसी के कारण वो ऐसे आरोप लगा रहे हैं. बर्खास्तगी के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई लेबर कोर्ट में चल रही है.

नटराजन का कहना है कि बीईएमएल की तीन कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी हैं. तीनों की मॉनिटरिंग और कंट्रोल पर बीईएमएल मैनेजमेंट का कोई दखल नहीं है. रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज़ कंट्रोल करती है.

वहीं, अंग्रेजी अखबार 'द हिंदु' से बात करते हुए प्रीति प्रभा ने माना है कि उन्होंने विवादों के चलते प्लॉट वापस कर दिए. उन्होंने यह भी बताया कि नटराजन उनके पारिवारिक दोस्त हैं और वो उन्हें अंकल कहा करती हैं, लेकिन प्लॉट नटराजन से संपर्क के कारण नहीं मिले थे.

कौन हैं टीकेए नायर
टीकेए नायर इस समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सलाहकार हैं. नायर को राज्यमंत्री का दर्जा मिला हुआ है. उनका नाम पीएमओ के अधिकारियों की लिस्ट में सबसे ऊपर है. केरल के रहने वाले नायर 1963 बैच के पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. वे पंजाब के मुख्य सचिव रह चुके हैं.

टीकेए नायर मनमोहन सिंह से पहले पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ भी प्रधानमंत्री कार्यालय में काम कर चुके हैं.

साल 2008 में जब उनकी भांजी प्रीति प्रभा और करीबी उमादेवी को प्लॉट मिले थे तब वो प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव हुआ करते थे. नायर के बाद पुलक चटर्जी इस समय प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव हैं.
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