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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

अन्ना करेंगे गांधी की वस्तुओं की नीलामी का विरोध

गांधीवादी लेखक गिरिराज किशोर द्वारा महात्मा गांधी की वस्तुओं की लंदन में नीलामी से क्षुब्ध होकर अपना पद्मश्री सम्मान वापस करने की खबर मीडिया में आने के बाद शहर की अनेक स्वंयसेवी संगठन उनके समर्थन में आ गए हैं।


मानस संगम नामक संस्था ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा कि भारत सरकार इस सामान को नीलामी में खरीद ले और खरीदने में जो पैसा सरकार का लगेगा वह जनता से चंदा करके उनकी संस्था सरकार को उपलब्ध करा देगी।


उधर वरिष्ठ लेखक पद्मश्री गिरिराज किशोर ने सोमवार को मशहूर समाजसेवी अन्ना हजारे से समर्थन मांगा, जिस पर अन्ना ने चिंता जताते हुए इस मामले को उठाने का आश्वासन उन्हें दिया है।


शहर के संस्कृ‍तिककर्मी एवं युवा कवि बद्रीनारायण तिवारी ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांग की है कि लंदन में 17 अप्रैल को होने वाली बापू की वस्तुओं की नीलामी को रोकने के लिए वे राष्ट्र प्रमुख होने के नाते हस्तक्षेप करें।


अगर नीलामी न रुक पाए तो भारत सरकार नीलामी में इन वस्तुओं की खरीददारी कर ले और इस खरीददारी में जो भी रकम लगेगी वह मानस संगम संस्था आम जनता से जनसहयोग और चंदे के रूप में एकत्र करके भारत सरकार को दे देगी।


बस हर भारतीय की तरह उनकी भी यह इच्छा है कि राष्ट्रपिता के खून से सनी मिट्टी और अन्य सामान भारत लाया जा सके। गांधीवादी लेखक गिरिराज किशोर ने बताया कि उन्होंने महात्मा गांधी की वस्तुओं की नीलामी रोकने के लिए मशहूर समाजसेवी अन्ना हजारे से नीलामी को रोकने के लिए कुछ करने को कहा।


लेखक गिरिराज ने कहा कि इस पर अन्ना ने उनके इस आंदोलन का समर्थन करते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि वे इस मामले पर आवश्यक कदम उठाएंगे। गौरतलब है कि लेखक गिरिराज किशोर ने लंदन में महात्मा गांधी के खून से सनी मिट्टी एवं अन्य वस्तुओं की नीलामी नहीं रुकने पर पद्मश्री सम्मान वापस करने की बाबत पहले पांच अप्रैल को प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था।


प्रधानमंत्री को लिखे पत्र का कोई जवाब नहीं आया तो उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उनसे बापू के इन सामानों की नीलामी रोकने के लिए हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा था कि अगर लंदन में 17 अप्रैल को गांधी के सामान की नीलामी हो गई तो वे बहुत दुखी होंगे इसलिए वे चाहते हैं कि राष्ट्रपति 18 अप्रैल के बाद का कोई समय उन्हें दे दे ताकि वे अपना पद्मश्री सम्मान उन्हें वापस कर सकें।
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