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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

हम बाबा रामदेव के साथ हैं, पर साझा आंदोलन नहीं : अन्ना

नई दिल्ली: टीम अन्ना की कोर कमेटी की बैठक में हंगामे के बाद सोमवार को अन्ना हजारे अपने गांव रालेगण सिद्धी के लिए रवाना हो गए। अन्ना ने कहा कि मोबाइल की मदद से मीटिंग की बात लीक हो रही थी, जो सही नहीं है। रामदेव के साथ साझा आंदोलन करने पर अन्ना ने कहा कि हम साथ नहीं घूमेंगे, लेकिन अलग−अलग आंदोलनों में एक जगह मुलाकात होती है, तो उन्हें रामदेव के साथ मंच साझा करने में कोई आपत्ति नहीं है। दोनों ही आंदोलन भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं और कालेधन के मुद्दे पर वह बाबा रामदेव के आंदोलन का समर्थन करते हैं।

टीम अन्ना की कोर कमेटी की बैठक के बाद ही यह साफ हो गया था कि अन्ना और बाबा रामदेव साझा अभियान नहीं चलाएंगे, बल्कि जरूरत पड़ने पर दोनों एक-दूसरे की मदद करेंगे। इससे पहले शुक्रवार को अन्ना और रामदेव की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस से लगा था कि अन्ना और रामदेव साथ आ गए हैं और सरकार के खिलाफ मिलकर आंदोलन चलाएंगे, लेकिन रविवार को सब कुछ पलट गया। दरअसल अन्ना हजारे और बाबा रामदेव की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस और साथ−साथ लड़ने के ऐलान के बाद टीम अन्ना में मतभेद बढ़ गए थे, जिसके बाद ही यह बीच का रास्ता निकाला गया है।

रविवार को हुई टीम अन्ना की कोर कमेटी की बैठक काफी हंगामेदार रही। हंगामा उस वक्त शुरू हुआ, जब कमेटी के सदस्य मुफ्ती शमीम कासमी को बैठक से बाहर जाने के लिए कहा गया। टीम अन्ना ने मुफ्ती पर आरोप लगाया कि वह मीटिंग में चल रही बातों की रिकॉर्डिंग कर रहे थे। मीटिंग से बेहद गुस्से में बाहर आए मुफ्ती ने कहा कि उन पर गलत आरोप लगाए गए हैं, इसलिए वह अन्ना के आंदोलन से अलग हो गए हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि टीम अन्ना को अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया ने हाईजैक कर लिया है और वे किसी तानाशाह की तरह टीम अन्ना को चला रहे हैं।
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