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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

एंटनी और नीतीश से सीखें नेता: टीम अन्ना

नई दिल्ली। टीम अन्ना ने नेताओं को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व रक्षा मंत्री एके एंटनी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ईमानदारी की सीख लेने को कहा है। अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह के नोटिस के जवाब में भेजे पत्र में यह बात कही है। केजरीवाल ने वीरभद्र पर आरोप दोहराने के साथ ही उनकी कथित गैरकानूनी बातचीत की एक सीडी भी साथ भेज दी है।


दागी जन प्रतिनिधियों के खिलाफ बढ़-चढ़ कर बयान देकर विवाद में आए केजरीवाल ने पहली बार राजनीति में ईमानदार लोगों का नाम गिनाया है। वीरभद्र सिंह को भेजे पत्र में केजरीवाल ने कहा है, 'मन में एक प्रश्न उठता है कि आज तक एके एंटनी, नीतीश कुमार आदि पर भ्रष्टाचार के आरोप क्यों नहीं लगे? ये लोग भी तो राजनीति में हैं और काफी उच्च पदों पर हैं। इनकी व्यक्तिगत ईमानदारी पर कभी प्रश्न नहीं उठे। लेकिन, आपके ऊपर तो ढेरों आरोप लगे हैं और जो दस्तावेज मौजूद हैं, उनसे प्रथम दृष्टि में आरोप गंभीर नजर आते हैं।'


केजरीवाल की ओर से एंटनी के साथ ही नीतीश का नाम लिया जाना कई लोगों को हैरान कर सकता है। टीम अन्ना और बिहार के मुख्यमंत्री के बीच पिछले कुछ समय से काफी तल्खी रही है। लोकपाल आंदोलन के दौरान बिहार सरकार ने लोकायुक्त कानून तैयार किया तो टीम अन्ना ने इसे कमजोर बताकर जोरदार आलोचना की थी। इसके बाद नीतीश ने भी टीम अन्ना को हद में रहने की सलाह दे दी थी।


केजरीवाल ने वीरभद्र सिंह को भेजे पत्र में उन पर फिर आरोपों की बौछार की है। उन्होंने कहा कि वे नोटिस और कानूनी कार्रवाई की धमकी के डर से भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना बंद नहीं करेंगे। चिट्ठी के साथ एक सीडी भेजते हुए केजरीवाल ने कहा है कि इस संबंध में कुछ वर्ष पहले शिमला के एक थाने में आपके खिलाफ एफआइआर तक दर्ज हुई है। इस सीडी में आप एक आइएएस अधिकारी से पैसे के लेन-देन की बात कर रहे हैं, जो कानून की नजरों में गलत है। पता चला है कि जांच भी पूरी हो गई है। जल्दी ही कोर्ट में आरोप तय होने वाले हैं। इस दौरान आपने हाई कोर्ट में जांच खारिज करने की भी याचिका दायर की थी। कोर्ट ने आपकी दलील नामंजूर कर दी है। ऐसे में इस मामले की जनता के बीच चर्चा करना क्या इसे मानहानि समझा जा सकता है? केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्री से पूछा है कि क्या जमीन हड़पने, चिटों के आधार पर गैरकानूनी रूप से सरकारी नियुक्तियां करने, कत्था घोटाले, वनों से अवैध रूप से पेड़ काटने जैसे उनके खिलाफ सभी आरोप निराधार हैं?
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