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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

सर्वोदय एंक्लेव में अन्ना के नए आफिस का उद्घाटन आज


नई दिल्ली। अपनी नई कोर कमेटी की पहली बैठक के साथ ही टीम अन्ना ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन के अरविंद केजरीवाल पर अपना रुख और कड़ा कर लिया है। अन्ना की करीबी किरण बेदी ने केजरीवाल को अपने संगठन के लिए इंडिया अगेंस्ट करप्शन का नाम इस्तेमाल न करने और दूसरा नाम तलाश करने की बात कही है। अन्ना ने कहा कि वह केजरीवाल से कोई टकराव नहीं चाहते हैं लेकिन वह आईएसी का नाम वापस चाहते हैं, बशर्ते वह इसे वापस कर दें तो। इस बीच अन्ना ने रविवार को अपने सर्वोदय एंक्लेव स्थित ऑफिस का उद्घाटन किया। शनिवार को हुई बैठक में ही अन्ना के इस नए ऑफिस के बाबत फैसला ले लिया गया था।

दक्षिणी दिल्ली के पॉश इलाके सर्वोदय एंक्लेव में अन्ना का किराए का घर कोर कमेटी की बैठक में फाइनल कर दिया गया। अन्ना का एक छोटा कार्यालय भी यहां पर होगा। अन्ना के इस ठिकाने में रविवार को गृह प्रवेश होगा, जिसमें उनके प्रमुख सहयोगियों-समर्थकों की जुटने की उम्मीद है। अन्ना ने कोठी का दो कमरों का हिस्सा किराए पर लिया है। जिसमें दो बेडरूम, एक ड्राइंगरूम अटैच बाथरूम है। किचन आदि की बेहतर व्यवस्था है। अन्ना के इस घर की साफ सफाई कराई जा चुकी है तथा रंग रोगन भी हो चुका है।

केजरीवाल से अलग होने के बाद अन्ना भी उनपर कटाक्ष करने से परहेज नहीं कर रहे हैं। अन्ना ने इससे पहले केजरीवाल पर सत्ता का लालच हावी होने की बात कही थी। एक निजी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा था कि केजरीवाल को सत्ता का लोभ हो सकता है, जिस वजह से उन्होंने राजनीति करने का विकल्प चुना।

टीम अन्ना के केजरीवाल पर दिए गए ताजा बयान के बाद माना जा रहा है कि इन दोनों साथियों के बीच खाई कुछ और बढ़ जाएगी। क्योंकि केजरीवाल के खिलाफ न सिर्फ अन्ना बल्कि पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह भी साफतौर पर निशाना साधते दिखाई दे रहे हैं। जनरल सिंह ने भी पिछले दिनों केजरीवाल पर लगाए गए आरोपों की जांच कराने की मांग की थी। उन्होंने यहां तक कहा था कि केजरीवाल पर जो आरोप लगाए गए हैं उनके पुख्ता सबूत भी हैं जो आरोपों का समर्थन करते हैं।

शनिवार को अपनी कोर कमेटी के नए सदस्यों को चुनने के लिए बुलाई गई बैठक के बाद अन्ना ने कहा कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन [आइएसी] का नाम भी अरविंद केजरीवाल को छोड़ना होगा। अपनी नई कोर कमेटी के एलान के दौरान उन्होंने कहा कि आइएसी में हमारी फोटो लगी होती थी। अब वे यह देते हैं या नहीं यह अलग बात है, लेकिन वह हमारा है।' इस बयान के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि अन्ना एक बार कह दें, तो उसी समय से इस नाम का इस्तेमाल बंद कर दिया जाएगा।

शनिवार को हुई बैठक में तमाम पूर्वानुमान के विपरीत पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह नई कोर कमेटी में शामिल नहीं हुए। हालांकि, वह विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर समर्थन देते रहेंगे। अन्ना ने बताया कि 30 जनवरी को पटना में जनसभा के साथ ही वह पूरे देश का दौरा शुरू कर देंगे, जो अगले आम चुनाव तक जारी रहेगा।

अन्ना ने कहा कि अब वह जंतर-मंतर या रामलीला मैदान पर भीड़ जुटाने के बजाय लोगों को जगाने पर ध्यान देंगे। सरकार सिर्फ चुनाव हारने से डरती है। इसलिए अगले आम चुनाव तक वह जन लोकपाल विधेयक सहित विभिन्न मुद्दों पर जनता को जगाते रहेंगे। अन्ना ने कहा कि अगर केजरीवाल चुनाव लड़ते हैं तो वह उनका समर्थन करेंगे।

शनिवार को पांच घंटे चली कोर कमेटी की बैठक के बाद अन्ना ने कहा कि उनका आंदोलन भ्रष्टाचार और संपूर्ण व्यवस्था परिवर्तन के मुद्दों पर केंद्रित होगा। उन्होंने लोकपाल कानून को लेकर सरकार को जमकर कोसा। अन्ना ने कहा कि सरकार की नीयत साफ नहीं है। सरकार कमजोर बिल लाएगी तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।

अन्ना को यकीन है कि सरकार जन लोकपाल जैसा मजबूत कानून नहीं लाएगी, क्योंकि अगर यह आ गया तो 15 मंत्री जेल में होंगे। अन्ना की नई कोर कमेटी में कई पुराने साथियों के साथ कुछ नए चेहरे भी जुड़े हैं। हालांकि शनिवार की बैठक में जस्टिस हेगड़े और धर्माधिकारी व्यस्तता के कारण शरीक नहीं हो सके।

नई कोर कमेटी में कुल 55 लोग होंगे। अन्य नामों पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा एक समन्वय समिति बनेगी, जिसके हर राज्य में दो सदस्य होंगे। हर राज्य से 50 स्वयंसेवकों को चुनकर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

अन्ना की टीम में शामिल चेहरे :-

-संतोष हेगड़े : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज व कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त

-किरण बेदी : देश की पहली महिला आइपीएस अधिकारी

-मेधा पाटकर : सामाजिक कार्यकर्ता व नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख

-शशिकांत : पंजाब के रिटायर्ड डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस

-अविनाश धर्माधिकारी : पूर्व आइएएस अधिकारी

-विश्वंभर चौधरी : सामाजिक व पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता

-राकेश रफीक : नेशनल एलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट से संबद्ध

-अखिल गोगोई : असम के आरटीआइ कार्यकर्ता

-अरविंद गौड़ : दिल्ली के सामाजिक कार्यकर्ता

-अक्षय कुमार : ओडिशा में पॉस्को विरोधी आंदोलन के अगुआ

-सुनीता गोदरा :1992 की एशियाई मैराथन चैंपियन

-शिवेंद्र चौहान : पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता

-रणसिंह आर्य : प्राकृतिक चिकित्सक व समाजसेवी

-विजेंद्र खोखर : सेना के रिटायर्ड कर्नल

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