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झुग्गियां गिराने पर आमाद सरकार को आईएसी की चुनौती, जरूरत पड़ी तो बुलडोजरों के सामने खड़े हो जाएंगे कार्यकर्ता


इंडिया अगेंस्ट करप्शन(आईएसी) के वरिष्ठ कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, कुमार विश्वास और संजय सिंह के नेतृत्व में आईएसी के कार्यकर्ता आज शालीमार बाग के हैदरपुर गांव में झुग्गी बस्तियों को सरकार द्वारा जबरन खाली कराने की कोशिशों को विरोध करने पहुंचे. सरकार ने हैदरपुर की 138 झुग्गियों को नवंबर महीने तक हटा देने का आदेश दिया था. इनमें से सिर्फ सात परिवारों को सरकार ने बवाना में बसाने की मंजूरी दी है.

हैदरपुर झुग्गी के निवासियों ने मदद के लिए आईएसी से अनुरोध किया था. हैदरपुर की झुग्गियों में रहने वाले लोगों को अरविंद केजरीवाल ने अपना पूरा समर्थन देते हुए एलान किया कि जरूरत पड़ने पर वह इन झुग्गियों को गिराने के लिए आगे बढ़ रहे बुलडोजरों के सामने खड़े हो जाएंगे.

मंच से अपने संबोधन में अरविंद केजरीवाल ने कहा, “ हैदरपुर की इन झुग्गियों में तीसरी पीढ़ी बड़ी हो रही है और अचानक सरकार ने इनके सर की छत गिराने का तय कर लिया. अगर हैदरपुर के पीड़ित परिवार सरकार की इस मनमानी के खिलाफ संघर्ष को पूरी तरह से तैयार हों तो इनके घरों को गिराने वाले बुलडोजरों के सामने सबसे आगे मैं खड़ा मिलूंगा.”

हैदरपुर की झुग्गियों में रहने वाले बिहार, यूपी, प. बंगाल और देश के दूसरे राज्यों से आए लोग हैं जो छोटी-मोटी नौकरियां या मजदूरी करके अपने परिवार पालते हैं. अरविंद केजरीवाल ने इन मेहनतकश परिवारों की अहमियत गिनाते हुए सरकार से इनकी झुग्गियों को गिराने का फैसला तत्काल वापस लेने की अपील की.

अरविंद केजरीवाल ने कहा, “ इन झुग्गियों में वे लोग रहते हैं जो अपनी मेहनत से दिल्ली के आलीशान मकानों में रहने वालों लोगों की जिंदगी आसान करते हैं. अगर ऐसे करीब 40 फीसदी आबादी को दिल्ली से बाहर कर दिया जाएगा तो दिल्ली ठप हो जाएगी. सरकार मेहनतकशों का सम्मान करना सीखे. ऐसे कानून बनें कि जिसकी झुग्गी जहां है उसे वहीं पर मकान बनाकर दिया जाए. ”

मंच पर आकर हैदरपुर के स्थानीय लोगों ने अपनी आपबीती सुनाई. एक व्यक्ति ने स्थानीय भाजपा विधायक रवींद्रनाथ बंसल की कार्रवाई के बारे में बताते हुए कहा कि बंसल ने इनकी मदद करने की बजाय दिल्ली आश्रय बोर्ड को एक चिठ्ठी लिखकर कहा कि इन परिवारों की झुग्गियां सर्दियों की बजाय गर्मियों में खाली कराई जाए. अरविंद केजरीवाल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब वोट बिकने लगेंगे तो जनप्रतिनिधि इसी तरह अपनी जवाबदेही से कन्नी काटना शुरू कर देंगे.

हैदरपुर की झुग्गियों में रहने वाले परिवारों के सरकार ने बिजली पानी के कनेक्शन और मतदाता पहचान पत्र भी बनाए हैं. इन लोगों को 16 नवंबर 2012 तक झुग्गियां खाली कर देने का नोटिस दिया गया था लेकिन दीवाली की वजह से दिल्ली आश्रय बोर्ड ने झुग्गियां खाली करने की डेडलाइन बढ़ाकर 23 नवंबर कर दी है.

लोगों को संबोधित करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा, “सरकार झुग्गियां बसाती है, फिर उजाड़ती है लेकिन सरकार यह क्यों नहीं सोचती कि ये झुग्गियां बनती ही क्यों हैं. कोई भी व्यक्ति खुशी से अपनी मिट्टी से अलग नहीं होना चाहता. परिवार पालने की मजबूरी उसे अपने गांव-घर से हजारों किलोमीटर दूर महानगरों में ले आती है. सरकार को अपनी नाकामियों पर लज्जित होना चाहिए कि वह लोगों को उनके घरों के समीप रोजगार नहीं दे रही. नाकाम सरकार को गरीबों के घर गिराने का नैतिक हक नहीं बनता.”

मनीष सिसोदिया की बात का समर्थन करते हुए कुमार विश्वास ने कहा, “ सरकार यह इल्जाम लगा सकती है कि हम गैर-कानूनी चीजों का समर्थन करने चले आए क्योंकि हमें राजनीति करनी है. सरकार अगर अमीरों और गरीबों के बीच की खाई बढ़ाती चली गई तो देश के सारे कानून, गैर-कानूनी हो जाएंगे. गरीबों का दर्द सरकारों को समझना होगा. ”

हैदरपुर के 139 घर कुल चार एकड़ की जमीन पर बने हैं. सरकार यह जमीन आसपास बने लोकनिर्माण विभाग के सरकारी आवासों का दायरा और सुंदरता बढ़ाने के लिए खाली कराना चाहती है. इस फैसले पर सरकार को घरी खोटी सुनाते हुए संजय सिंह ने कहा, “सरकार गरीबों को धमकाकर भगा रही है लेकिन अंबानी परिवार को उतनी जमीनें एक झटके में दे देती है जितनी अंबानी परिवार मांग करता है. संसद पर संवेदनहीन लोगों ने कब्जा कर रखा है और जनता उन्हें जल्द ही वहां से भगाकर दम लेगी.”

गोपाल राय ने स्थीनाय लोगों को संगठित होकर अपना विरोध जारी रखने का अनुरोध करते हुए कहा, “आज कुछ लोगों से घर खाली कराया जा रहा है, कल कुछ और लोगों को नोटिस आएगी. इस तरह एक-एक करके शहर के सारे गरीबों के घर गिराकर उन्हें बिल्डरों को दे दिया जाएगा जिसपर वे मॉल बना सकें.”

आईएसी ने पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया है कि वे इसके संघर्ष में हर तरह से उनका साथ देगा. 
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