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कौन दे रहा है अन्ना के ऑफिस के हर महीने एक लाख?


नईदिल्ली। साउथ दिल्ली के पॉश इलाके सर्वोदय एनक्लेव में स्‍थित अन्‍ना के नए ऑफिस का खर्चा तकरीबन एक लाख रुपये है। इसमें 50 हजार रुपये तो ऑफिस का किराया है और बाकी का खर्चा बिजली-पानी आदि का होगा। टीम अन्‍ना के लोग इस खर्चे को लेकर परेशान हैं वहीं अन्‍ना बेफिक्। दरअसल अन्‍ना के ऑफिस को एक गुप्‍तदानी मिल गया है जो हर महीने का एक लाख रुपये का खर्चा उठाएगा। ये दानी कौन है इस बात पर तो सस्‍पेंस बना हुआ है, लेकिन यह दानी गुजरात का सीए बताया जा रहा है।

सर्वोदय एन्क्लेव में ऑफिस बनाने को लेकर कोऑर्डिनेशन कमिटी और अन्‍ना टीम के बीच पहले ही दो राय थी। असल में यहां का किराया बहुत ज्‍यादा होने से यह चिंता लाजमी थी कि आखिर आंदोलन के भरोसे इस ऑफिस का खर्चा कैसे उठाया जाएगा। फिलहाल यह चिंता अब दूर हो गई है। अन्‍ना की ऑफिस का खर्चा उठाने के लिए एक गुप्‍तदानी ने हाथ आगे बढाया है। इस दानी के बारे मे कोऑडिनेशन टीम को भी नहीं पता। गुप्‍त सूत्रों की मानें तो  

यह शख्‍़स गुजरात के हैं और पेशे से सीए हैं। वे किसी अमेरिकन फर्म से भी जुडे हैं। वे हर महीने एक लाख रुपये का गुप्‍तदान करेंगे। यह व्‍यक्‍ति किरण बेदी के करीबी बताए जाते है। गुप्‍तदानी ने अपना नाम पब्‍लिक करने से मना किया है। सीए अपना दान चेक से देंगे।

कुछ हफ्ते पहले जब अन्ना दिल्ली आए थे उस वक्त उन्होंने एक नैशनल ट्रस्ट बनाने की बात कही थी। कोऑर्डिनेशन कमिटी की मीटिंग में ट्रस्ट का विचार खारिज कर दिया। मीटिंग में बात हुई कि आंदोलन को नया नाम दिया जाए और यह भी कहा गया कि केजरीवाल आईएसी नाम छोड़ने पर राजी नहीं होंगे। फिर तय किया गया कि कोई नाम देने की जरूरत नहीं है। आंदोलन जैसे चल रहा है उसे वैसे ही चलने दिया जाए। कोऑर्डिनेशन कमिटी में यह भी साफ किया गया था कि नाम को लेकर ज्यादा बातचीत से बचेंगे और आईएसी को लेकर कोई विवाद नहीं किया जाएगा। लेकिन मीटिंग के बाद जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में नाम का सवाल आया तो विवाद हो ही गया। सूत्रों के मुताबिक कोऑर्डिनेशन कमिटी के ज्यादातर मेंबर नहीं चाहते हैं कि नाम पर विवाद हो, लेकिन किरन बेदी नाम को लेकर तीखे तेवरों में ही दिखीं।

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