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वाड्रा को पीएमओ से क्लीन चिट, कहा सभी आरोप गलत


नई दिल्ली। रॉबर्ट वाड्रा के मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई होनी है। इससे पहले वाड्रा और डीएलएफ के बीच लेनदेन की जांच की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिका पर प्रधानमंत्री दफ्तर ने अपनी सफाई दी है। वाड्रा का पक्ष लेते पीएमओ ने कहा है कि उन पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद और गलत हैं, लिहाजा इनकी जांच की जरूरत नहीं है।

सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय बचाव की मुद्रा में आ गया है। पीएमओ ने बाकायदा इलाहाबाद हाईकोर्ट को अपने जवाब में वाड्रा को क्लीन चिट दी है और उन पर लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

मालूम हो कि अरविंद केजरीवाल के आरोपों के बाद सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर कर वाड्रा के खिलाफ जांच की मांग की थी। इस पर लखनऊ बेंच ने प्रधानमंत्री कार्यालय को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। पीएमओ ने कहा है कि नूतन ठाकुर के सभी आरोप मीडिया में आई खबरों के आधार पर लगाए गए हैं और इनमें कोई सच्चाई नहीं है। इसलिए जांच की जरूरत भी नहीं है।

पीएमओ के संयुक्त सचिव धीरज गुप्ता की तरफ से दायर एफिडेविट में कहा गया है कि डीएलएफ और रॉबर्ट वाड्रा के बीच हुआ लेनदेन दरअसल व्यावसायिक कारणों से दो व्यक्तियों के बीच हुआ व्यक्तिगत लेनदेन है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। याचिकाकर्ता नूतन ठाकुर ने अखबारों और चैनलों की खबरों के आधार पर महज लोकप्रियता पाने के लिए वाड्रा के खिलाफ जांच की मांग की है। इस मामले में संबंधित पक्षों के बयान लिए गए हैं।

मगर नूतन ठाकुर के मुताबिक सरकार आरोपों के बिना वाड्रा को क्लीन चिट देना चाहती है और उसकी मंशा इस मामले को दबाने की है। पीएमओ ने जवाब दिया है कि ये दो लोगों के बीच निजी ट्रांजेक्शन का केस है। ये कैसे हो सकता है कि बिना जांच के ये कह दिया जाए और क्लीन चिट दे दी जाए।

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