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एनएसजी कमांडोज़ के साथ नाइंसाफी की गई: केजरीवाल

नई दिल्ली। मुंबई हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब को फांसी के एक दिन बाद उस हमले में घायल एनएसजी कमांडो सुरेंद्र सिंह ने अपनी आपबीती पब्लिक के सामने रखी है। सुरेंद्र ने आरोप लगाया है कि उन्हें 13 महीने से एक रुपये की भी पेंशन नहीं मिली है। वो इलाज भी अपने पैसे से करा रहे हैं। सुरेंद्र इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले अरविंद केजरीवाल के साथ मीडिया के सामने आए। अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि मुंबई हमले में जो कमांडो शहीद हुए या फिर घायल हुए सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। अरविंद ने ये भी आरोप लगाया कि 2 ऐसे कमांडो है जिन्हें मेडिकली अनफिट करार देकर उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है।

सुरेंद्र के मुताबिक मुंबई हमले के दौरान घायल होने की वजह से उन्हें अनफिट करार दिया गया उसके बाद उनकी नौकरी भी चली गई। सर्विस से हटाए जाने के बाद उन्होंने आरटीआई का सहारा लिया, लेकिन उन्हें कहा गया कि एनएसजी आरटीआई के तहत नहीं आता है। सुरेंद्र सिंह का कहना है कि उन्हें 13 महीने से एक रुपया नहीं मिला है।



इस बीच सुरेंद्र और केजरीवाल के आरोप का जवाब देते हुए सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार सभी जवानों की इज्जत करती है। सुरेंद्र सिंह को 31 लाख रुपये दिए जा चुके हैं और हर माह 25 हजार पेंशन के तौर पर दिए जा रहे हैं। मनीष की मानें तो सुरेंद्र ने 14 साल तक सेवा की है, उन्होंने ये भी कहा कि सुरेंद्र जो भी बात कह रहे हैं वो गलत है। सरकार के दावे के उलट सुरेंद्र सिंह ने कहा कि उनके बैंक खाते की जांच कराई जाए ताकि पता चले कि उन्हें सरकार से एक भी पैसा नहीं मिला है।

वहीं बीजेपी ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि सेना और पैरा मिलिट्री फोर्सेस के लोग देश की सुरक्षा करते हैं। पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि बीजेपी किसी नियम की आड़ में पेंशन रोकने को सही नहीं मानती। आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव का कहना है कि अगर इस मामले में सच्चाई है तो फिर ये गंभीर है, उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए।

इस बीच गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने साफ किया कि कमांडो का मामला रक्षा मंत्रालय से जुड़ा है, और वो इस मामले की जांच करेंगे।

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