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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

मेघा पाटकर के लिए फिर आंदोलन करेंगे अन्ना हजारे


सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मध्य प्रदेश में मेघा पाटकर को हिरासत में रखे जाने पर कड़ी आपत्ती दर्ज करते हुए कहा कि मेधा को हिरासत में रखना यह दर्शाता है कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है.

उन्होंने कहा, ‘सरकार सार्वजनिक संपत्ति का निजीकरण कर रही है. जो भी उसका विरोध करता है, उसका उत्पीड़न किया जाता है. संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है. यदि मेधा पाटकर को रिहा नहीं किया जाता है तो हम आंदोलन छेड़ेंगे.’ हजारे ने यहां महाराष्ट्र सदन में स्वयंसेवकों के साथ बैठकें की. सामाजिक कार्यकर्ता किरण बेदी वहां मौजूद थीं.

अन्ना ने अपने भावी कदम को सुनिश्चित दिशा प्रदान करने के लिए पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह समेत अपने समर्थकों के साथ कई बैठकें की और घोषणा की कि वह अपना आंदोलन चलाने के वास्ते राष्ट्रीय स्तर पर शीघ्र ही न्यास बनायेंगे.

वह एक विरोध प्रदर्शन में भी शामिल हुए और उन्होंने मेधा पाटकर की रिहाई की मांग की. मेधा पाटकर मध्य प्रदेश में हिरासत में हैं.

भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के राजनीतिक शक्ल लेने के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल से अलग होने के बाद हजारे ने पहली बार प्रदर्शन में हिस्सा लिया.

अन्ना हजारे ने कहा, ‘हम शीघ्र ही राष्ट्रीय स्तर का न्यास बनायेंगे और उसके नाम की घोषणा करेंगे. हम समन्वय समिति बनाने की प्रक्रिया में जुटे हैं जिसमें हर राज्य से दो प्रतिनिधि होंगे. कार्यसमिति शीघ्र ही बनायी जाएगी.’ उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य भीड़ जुटाना नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर काम करना है.

अन्ना हजारे के दिन की शुरुआत पूर्व सेना प्रमुख वी के सिंह से लंबी बैठक के साथ हुई. उसके बाद वह राष्ट्रीय राजधानी में अपने आंदोलन के वास्ते कार्यालय के लिए स्थान ढूंढ़ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली गए.

सू़त्रों ने बताया कि हजारे इस यात्रा के दौरान अपने आंदोलन के दिल्ली दफ्तर का उद्घाटन करने वाले थे लेकिन उत्तर प्रदेश के कौशांबी में चुना गया भवन उन्हें पसंद नहीं आया.


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