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अन्ना के ऑफिस के लिये टीम मेंबर्स में तीखी बहस


नई दिल्ली। अन्ना हजारे का दिल्ली ऑफिस कहां बनेगा, इसे लेकर टीम मेंबर और वॉलंटियर्स के बीच खींचतान चल रही है। जहां वॉलंटियर्स को कौशांबी सबसे मुफीद लग रहा है वहीं कुछ टीम मेंबर्स को यह जगह पसंद नहीं है। वजह यह कि यहां अरविंद केजरीवाल का भी ऑफिस है और अन्ना के एक खास सहयोगी को लगता है कि यहां ऑफिस बनाना सही नहीं रहेगा।

सूत्रों के मुताबिक इस मसले पर किरन बेदी और रंगकर्मी अरविंद गौड़ के बीच जमकर बहस हुई। दिलचस्प यह है कि अभी ऑफिस की जगह फाइनल नहीं हुई है और कोर कमिटी फैसला लेगी लेकिन सर्वोदय एन्क्लेव में जो जगह देखी गई है उसके लिए एक लाख रुपये अडवांस पेमेंट भी दे दिया गया है। यही नहीं करीब एक हफ्ते पहले 18 लोगों को 10 नवंबर की मीटिंग के लिए जो सूचना भेजी गई है उसमें मीटिंग स्थल सर्वोदय एन्क्लेव ही लिखा है। यानी इसे ही फाइनल माना जा रहा था। लेटर में अन्ना हजार के दस्तखत हैं।

वॉलंटियर्स  पसंद कौशांबी
कौशांबी में ऑफिस की जगह 18 हजार रुपये किराए पर मिल रही है। मंगलवार को अन्ना के साथ मीटिंग में भी कौशांबी में ऑफिस की वकालत करते हुए एक वॉलंटियर ने जब अन्ना से कहा कि अगर हम जहां ऑफिस लेते हैं उसके पास ही केजरीवाल भी ऑफिस बना लें तो क्या फिर हम अपना ऑफिस शिफ्ट कर देंगे। इस पर अन्ना ने उन्हें यह कहकर समझाया कि अरविंद छोटे हैं। वह अगर हमारे पीछे आएं तो कोई बुराई नहीं है। लेकिन अगर हम वहां जाएं तो यह भी ठीक नहीं है। इससे गलत संदेश जाएगा और मीडिया भी गलत तरीके से पेश करेगा। हालांकि वॉलंटियर्स अभी भी कौशांबी ही ऑफिस चाह रहे हैं क्योंकि यहां आना-जाना आसान है।

ऑफिस के लिए बहस
सूत्रों के मुताबिक मीटिंग में ऑफिस के मसले पर रंगकर्मी अरविंद गौड़ और किरन बेदी की काफी बहस हुई। जहां बेदी सर्वोदय एन्क्लेव में ऑफिस चाह रही हैं वही अरविंद गौड़ को यह पसंद नहीं है। अरविंद गौड़ ने कहा कि ऑफिस ऐसी जगह पर होना चाहिए जहां मेट्रो, बस से आना-जाना आसान हो। यह जनता का आंदोलन है और पैसा जनता का लग रहा है इसलिए किराए पर कम खर्च करें तो अच्छा है। सर्वोदय एन्क्लेव में 50 हजार रुपये किराया है और बिजली पानी का बिल मिलाकर महीने का खर्च 65-70 हजार रुपये हो जाएगा। यह सही नहीं है। यहां पहुंचना भी आसान नहीं है और मेट्रो से काफी दूर है। कौशांबी में ऑफिस के लिए केजरीवाल फैक्टर के नाम पर जो ऐतराज हो रहा है वह सही नहीं है। दोनों एक ही मकसद से लड़ रहे हैं और दोनों के वॉलंटियर भी एक ही हैं। हम इस तरह वॉलंटियर्स को नहीं बांट सकते। गौड़ ने कहा कि जहां भी ऑफिस हो वह सस्ता होना चाहिए। हम लक्ष्मी नगर, शकरपुर और सूरजमल विहार में भी ऑफिस देख रहे हैं।

अडवांस किराए पर सवाल
सूत्रों ने बताया कि सर्वोदय एन्क्लेव में ही ऑफिस चाहने वाले लोगों ने वहां एक लाख रुपये अडवांस भी दे दिए हैं। वॉलंटियर्स ने सवाल उठाया कि जब कोर कमिटी को फैसला करना है तो अडवांस देने का क्या मतलब। सूत्रों के मुताबिक यह जगह जिस शख्स की है वह कांग्रेस नेताओं के काफी नजदीक भी है, इस वजह से भी वॉलंटियर्स इस जगह को खारिज कर रहे हैं। किरन बेदी ने कहा कि ऑफिस को लेकर मेरी कोई चॉइस नहीं है। अडवाइजरी कमिटी तय करेगी कि ऑफिस कहां होगा और सभी का ख्याल रखते हुए ही ऑफिस की जगह तय होगी। अडवांस किराए के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह पैसा जगह रोकने के लिए दिया गया है, नहीं तो वह जगह भी हाथ से निकल जाती।

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