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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

आईएसी की मांग बहानेबाजी की जगह हवाला कारोबारियों पर सख्ती करे सरकार


गाजियाबाद, 10 नवंबर. इंडिया अगेंस्ट करप्शन(आईएसी) के शुक्रवार के उस खुलासे के बाद जिसमें बताया गया था कि कैसे भारत सरकार विदेशों में जमा अरबों रुपए के कालेधन को वापस लाने और हवाला कारोबारियों को सजा दिलाने की बजाय उन्हें बचाने में जुटी है, सरकार तिलमिला गई है. भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा कि सरकार विदेशों से मिली जानकारी का अध्ययन कर रही है और जांच जारी है. आज इनकम टैक्स विभाग ने मुंबई में 30 हवाला कारोबारियों के 45 ठिकानों पर छापेमारी करके करीब 5 करोड़ रुपए भी बरामद किए है.  

आईएसी के वरिष्ठ कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने इस छापेमारी को लीपापोती और जनता का ध्यान भटकाने वाला प्रयास बताया. अरविंद केजरीवाल ने कहा, “ हमने जब देश के बड़े हवाला कारोबारियों का पर्दाफाश किया तो सरकार ने आज छापेमारी शुरू करा दी. सरकार 6000 करोड़ के हवाला कारोबार पर तो चुप्पी साधे बैठी है और छापेमारी कराके 5 करोड़ की जब्ती करा रही है. इन छोटे-मोटे हवाला कारोबारियों को पकड़कर सरकार देश को बरगलाने की कोशिश क्यों कर रही है? अगर सरकार में हिम्मत है तो देश में हवाला का धंधा चला रहे एचएसबीसी बैंक पर कार्रवाई करे.”

आईएसी के खुलासे में स्विस बैंकों द्वारा भारत में हवाला नेटवर्क के कामकाज के तरीके का भंडाफोड़ किया गया था. आईएसी ने इस बात के प्रमाण भी प्रस्तुत किए थे कि एचएसबीसी बैंक हवाला नेटवर्क के जरिए भारतीयों का कालाधन स्विटजरलैंड और दुबई के विदेशी खातों में पहुंचा रहा है. आईएसी ने दावा किया था कि सरकार को ऐसे 700 लोगों की एक सूची मिली है जिनका कालाधन एचएसबीसी के विदेशी खातों में जमा है. उनमें से कुछ लोगों के बारे में आईएसी को भी जानकारी मिली थी जिसे आईएसी ने सार्वजनिक किया था.

अरविंद केजरीवाल ने मांग की है कि एचएसबीसी के शीर्ष अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उनसे ऐसे सभी लोगों की जानकारी मांगी जाए जिनका काला पैसा एचएसबीसी के खातों में जमा है. अरविंद केजरीवाल ने कहा, “एचएसबीसी बैंक पर आरोप लगा था कि वह कालेधन के लेन-देन के जरिए अमेरिका में ड्रग्स कारोबार, आतंकवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है. इंग्लैंड में भी एचएसबीसी पर ऐसे आरोप लगे और जांच चल रही है. भारत में भी एचएसबीसी बड़े पैमाने पर हवाला कारोबार कर रहा है इससे भारत की सुरक्षा खतरे में है. हमारे खुलासे को 24 घंटे से ज्यादा समय हो चुका लेकिन आश्चर्य है कि सरकार ने एचएसबीसी पर चुप्पी साध रखी है. देश कैसे यकीन करे कि एचएसबीसी के खिलाफ एक ईमानदार जांच होगी?”

आईएसी के खुलासे के बाद सरकार के ढुलमुल रवैये से लोग आश्चर्य में हैं. देशभर में जगह-जगह पर जनता ने एचएसबीसी के खिलाफ प्रदर्शन भी किया. आईएसी ने सरकार को वह लिस्ट सार्वजनिक करने की चुनौती दी जो कुछ विदेशी सरकारों भारत को सौंपे हैं. उस लिस्ट में ऐसे लोगों के नाम हैं जिनका अरबों रुपए का कालाधन विदेशी बैंकों में जमा है. लेकिन सरकार विदेशी सरकारों के साथ समझौते(ट्रीटी) का हवाला देकर वह लिस्ट सार्वजनिक नहीं कर रही.

अरविंद केजरीवाल ने सरकार की इस बहानेबाजी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में साफ कर दिया था कि सरकार की ऐसे किसी विदेशी ट्रीटी के पालन की बाध्यता नहीं है जो उसे काली कमाई करने वालों का नाम उजागर करने से रोकती हो. सरकार को ऐसे लोगों के नाम देश को बताने चाहिए जिन्होंने देश का पैसा चोरीकर विदेशों में छुपा दिया है. सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए तुरंत उन लोगों के नाम जाहिर क्यों नहीं करती जिन्होंने बेहिसाब पैसा विदेशी बैंकों में छुपा रखा है? ”

अरविंद केजरीवाल ने आज वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से पांच सवाल भी पूछे हैं. उन्होंने भारत सरकार को नसीहत दी है कि उसे भी अमेरिका की सरकार की तरह हिम्मत दिखाते हुए विदेशी बैंकों से उन लोगों का पूरा ब्योरा लेना चाहिए जिन्होंने विदेशों में कालाधन जमा कर रखा है.
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