जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी और कांग्रेस पार्टी के बीच जंग और तेज़ हो गई है.
स्वामी ने शनिवार शाम को चुनाव आयोग में अर्ज़ी देकर कांग्रेस की मान्यता खत्म करने की मांग की. इससे पहले स्वामी ने इस बात का संकेत शनिवार को एक ट्वीट के ज़रिये दिया था.
स्वामी ने ट्वीट करके कहा था कांग्रेस ने व्यावसायिक समझौता कर आयकर कानून का उल्लंघन किया है और वह कांग्रेस की मान्यता रद्द करने के लिए चुनाव आयोग को याचिका सौंपेंगे.
उल्लेखनीय है कि स्वामी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने असोसिएटेड जर्नल्स नाम की कंपनी को 90 करोड़ रुपये का कर्ज़ दिया था.
महत्वपूर्ण है कि शुक्रवार 2 नवंबर को कांग्रेस ने भी कंपनी को कर्ज़ देने की बात स्वीकार की. कांग्रेस ने एक बयान जारी करके कहा कि उसने नैशनल
कांग्रेस का कहना है कि जिसे इसमें कुछ भी गलत लगता है वो कोर्ट जा सकता है.
हेराल्ड और कौमी आवाज़ के स्वामित्व वाले असोसिएटेड जर्नल्स प्राइवेट लिमिटेड (एपीपीएल) को धन दिया है और यह उसके लिए गर्व की बात है.
बयान जारी करते हुए पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "कांग्रेस ने असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की सहायता के लिए धन दिया था. ऐसा करके हमने अपना कर्तव्य निभाया है. यह हमारे लिए गर्व की बात है."
बयान के बाद शनिवार 3 नवंबर को स्वामी ने ट्वीट किया कि उन्होंने पार्टी की मान्यता रद्द करने की अर्जी डालने का फैसला किया है. स्वाम ने लिखा, 'कांग्रेस ने कल (शुक्रवार) कबूल कर लिया है कि उसने कर्ज देने का अपराध किया है. आज मैं ईसीआई में कांग्रेस पार्टी की मान्यता रद्द करने की अर्जी दूंगा.'
कांग्रेस का कहना है कि जिसे इसमें कुछ भी गलत लगता है वो कोर्ट जा सकता है.
सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार 1 नवंबर को कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं उनके पुत्र राहुल गांधी ने कम्पनी बना कर नकली एवं फर्जी सौदे द्वारा 1600 करोड़ रुपये के हेराल्ड हाउस एवं इस समूह से जुड़ी सम्पत्तियों को हथिया लिया. उन्होंने कहा, "राहुल गांधी 2008 से ही असोसिएटेड जर्नल्स प्राइवेट लिमिटेड के अंशधारक थे लेकिन उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनावों में इस बात का खुलासा नहीं किया."