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कांग्रेस की मान्यता रद्द करे चुनाव आयोग : सुब्रह्मण्यम स्वामी


जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी कांग्रेस पार्टी के खिलाफ अपनी 'लड़ाई' को चुनाव आयोग तक ले गए हैं। स्वामी ने शनिवार शाम को कांग्रेस पार्टी की मान्यता रद्द करने के लिए चुनाव आयोग में अर्जी दी। स्वामी का आरोप है कि कांग्रेस ने असोसिएटेड जर्नल्स नाम की कंपनी को 90 करोड़ रुपये का लोन दिया। शुक्रवार को कांग्रेस ने माना कि यह कर्ज दिया गया। इसके बाद स्वामी ने पार्टी की मान्यता रद्द करने की अर्जी डालने का फैसला किया।

'हमने राजनीतिक धर्म निभाया': कांग्रेस ने असोसिएटेड जर्नल्स को लोन देने को अपना राजनीतिक धर्म बताया है। कांग्रेस प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि कांग्रेस ने महात्मा गांधी और नेहरू की राजनीतिक विचारधारा को प्रमोट करने के लिए ही असोसिएटेड जर्नल्स को लोन दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी इस मामले पर किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी यह तय नहीं कर सकती कि हमारा राजनीतिक काम क्या होना चाहिए।

इससे पहले शनिवार सुबह स्वामी ने ट्वीट किया, 'कांग्रेस ने कल कबूल कर लिया है कि उसने कर्ज देने का अपराध किया है। आज मैं चुनाव आयोग में कांग्रेस पार्टी की मान्यता रद्द करने की अर्जी दूंगा।' नियम है कि कोई राजनीतिक दल अपने धन का इस्तेमाल व्यावसायिक रूप से नहीं कर सकता। इस आधार पर स्वामी का कहना है कि कांग्रेस ने जो किया वह गैर कानूनी है, इसलिए उसकी मान्यता रद्द होनी चाहिए।

लेकिन, कांग्रेस की सफाई है कि यह कर्ज ब्याज मुक्त था और इससे किसी तरह का फायदा कमाने की कोशिश नहीं की गई। कांग्रेस की तरफ से शुक्रवार को कहा गया कि पार्टी ने ऐसे अखबार की मदद की जिसने आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई। कांग्रेस का कहना है कि जिसे इसमें कुछ भी गलत लगता है वह कोर्ट जा सकता है।

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