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केजरीवाल ने लौटाया टाटा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट का पैसा


टाटा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट(टीएसडब्ल्यूटी) ने कहा कि उसने अरविंद केजरीवाल के एनजीओ 'पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन' को किसी राजनीतिक गतिविधि के लिए कोई पैसा नहीं दिया।

टीएसडब्ल्यूटी ने एक विज्ञप्ति में सोमवार को कहा कि इंफोसिस के पूर्व चीफ एन. आर. नारायणमूर्ति ने अक्टूबर 2008 में उससे सिफारिश की थी कि 'सूचना के अधिकार' को लेकर जागरुकता बढ़ाने में केजरीवाल की मदद की जाए। उसके बाद पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन ने अनुदान के लिए टीएसडब्ल्यूटी के पास अप्लाई किया था। 1.25 करोड़ रुपए के लिए यह ऐप्लिकेशन लोक सूचना अधिकारियों, सूचना आयुक्तों और नागरिकों द्वारा सूचना के अधिकार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य पर पांच साल तक नैशनल आरटीआई अवॉर्ड देने के मकसद से था।

टीएसडब्ल्यूटी ने ऐप्लिकेशन स्वीकार कर लिया और 2009 से हर साल 25-25 लाख रुपए देने की मंजूरी दी। केजरीवाल के ऑर्गनाइजेशन को 2009 और 2010 के लिए 25-25 लाख रुपए की राशि भी दी गई। 2011 में टीएसडब्ल्यूटी ने 25 लाख रुपए जारी कर दिए थे, पर केजरीवाल के ऑर्गनाइजेशन ने यह राशि हासिल करने के बाद जब यह लिखा कि वह 2011 के लिए आरटीआई अवॉर्ड नहीं दे सकेगा, ऐसी स्थिति में क्या उस राशि को जनलोकपाल बिल पर खर्च किया जा सकता है। इस पर टाटा ग्रुप के ट्रस्ट ने उसे जवाब दिया कि यह सहायता राशि केवल आरटीआई अवॉर्ड के लिए थी जिसे किसी और काम के लिए खर्च नहीं किया जा सकता। इसके बाद केजरीवाल के ऑर्गनाइजेशन ने यह पैसा उसी साल लौटा दिया था। ट्रस्ट ने टीएसडब्ल्यूटी में उसके बाद फाउंडेशन को कोई सहायता राशि जारी नहीं की।

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