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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

जरूर पढिये कैसे केजरीवाल समर्थकों ने 10 तक घंटे दिल्ली पुलिस को छकाया

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नई दिल्ली। भ्रष्टाचार व कोयला खदान आवंटन में धाधली के विरोध में अन्ना हजारे के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने रविवार सुबह से अपराह्न तीन बजे तक पुलिस को खूब छकाया। इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आइएसी) के सैकड़ों समर्थक जिस तरह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से लेकर भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के निवास पर पहुंच घेराव करने के लिए अलग-अलग समूहों में निकले, उससे अफरा-तफरी का माहौल कायम रहा। दोपहर बाद रेसकोर्स स्थित प्रधानमंत्री निवास के बाहर तथा जनपथ पर समर्थकों को रोकने के लिए पुलिस को वाटर कैनन तथा लाठीचार्ज करना पड़ा, साथ ही आसू गैस के गोलों का भी इस्तेमाल किया गया। मगर प्रदर्शनकारियों का जोश फिर भी ठंडा नहीं पड़ा। अपराह्न तीन बजे अरविंद केजरीवाल ने जब समर्थकों से कहा कि उनका मकसद पूरा हो गया अब घेराव रोक दें, तब समर्थक रुके और पुलिस ने भी राहत की सास ली।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को जारी रखते हुए पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह, गोपाल राय, मनीष सिसौदिया, कुमार विश्वास रविवार सुबह छह बजे ही अलग-अलग टुकड़ियों में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी, भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के निवास पर घेराव करने पहुंचे। चूंकि 10 बजे इस तरह के प्रदर्शन की सूचना पुलिस को दी गई थी, इस लिहाज से वह पूरी तरह से मुस्तैद भी नहीं थी। निर्धारित समय से कई घटे पहले अन्ना सहयोगियों को नई दिल्ली इलाके में घूमते देख पुलिस व अन्य सुरक्षा कर्मियों के होश उड़ गए। तुरंत पूरे इलाके में धारा 144 लगा दी गई और समूह में आए समर्थकों को पुलिस हिरासत में लेने गई। अरविंद केजरीवाल के पास जब पुलिसकर्मी पहुंचे तो उन्होंने कहा कि सिर्फ दो शख्स सड़क पार कर रहे हैं। इससे किसी नियम का उल्लंघन नहीं है। सड़क पर स्वतंत्र होकर चलना उनका मौलिक अधिकार है। मगर अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया व कुमार विश्वास आदि की दलील को पुलिस ने नहीं माना और सभी को हिरासत में लेकर मंदिर मार्ग थाने ले गई। कुछ ही देर में समर्थकों का जत्था भी पहुंचा तो थाने में ही सभी प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने जैसे-तैसे मामला शात कराया और सभी प्रदर्शनकारियों को थाने से छोड़ दिया।  

इसके बाद सभी जंतर-मंतर पहुंच गए और वहा जमकर केंद्र सरकार के खिलाफ भड़ास निकालने लगे। वहा से दोबारा केजरीवाल समर्थक टुकड़ियों में बंटकर काग्रेस मुख्यालय, प्रधानमंत्री आवास, संसद भवन, नितिन गडकरी के आवास की ओर कूच करने निकले। पुलिस ने उन्हें रोका तो जमकर हंगामा किया। कुछ लोगों ने अकबर रोड स्थित काग्रेस मुख्यालय तथा जनपथ पर बैरिकेड तोड़ आगे बढ़ने की कोशिश की तो काबू करने के लिए पुलिस को वाटर कैनन, लाठीचार्ज व आसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। दोपहर एक बजे से अपराह्न तीन बजे तक आइएसी समर्थक व पुलिस कर्मियों के बीच लुकाछिपी का खेल चलता रहा। इसी बीच अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनके घेराव के दो मकसद थे। एक था सरकार के कारनामे का पर्दाफाश और दूसरा काग्रेस-भाजपा की मिलीभगत को उजागर करना। दोनों ही मकसद पूरे हो गए, इसलिए अब घेराव खत्म किया जाए। केजरीवाल से मिले इस निर्देश के बाद जाकर मामला शात हुआ। पुलिस ने भी राहत की सास लेते हुए नई दिल्ली इलाके की प्रमुख सड़कें जो सुबह से ही बंद रखी थीं, उन्हें आवाजाही के लिए खोल देने का निर्देश दिया। इसके बाद अन्ना के सहयोगियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए अरविंद केजरीवाल, प्रशात भूषण, मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, कुमार विश्वास को देर शाम छोड़ दिया गया।
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