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अन्‍ना हजारे और बाबा रामदेव के साथियों पर सरकारी शिकंजा


नई दिल्‍ली: केंद्र सरकार अन्‍ना हजारे और बाबा रामदेव के साथियों पर शिकंजा कसने शुरू कर दिया है। भंग हो चुकी टीम अन्ना के सदस्य मनीष सिसोदिया के पांडव नगर स्थित एनजीओ में बुधवार को गृह मंत्रालय की स्पेशल टीम जांच करने पहुंची। पुलिस के साथ जांच करने पहुंचे चार अधिकारियों ने कबीर स्वराज में काफी देर तक अहम फाइलों को देखा।

अधिकारियों का कहना था कि जांच में उन्हें कुछ दस्तावेज मिले हैं, जिनका सत्यापन किया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि सिसोदिया के गैर सरकारी संगठन को विदेश से मिले धन से संबंधित दस्तावेजों की जांच के लिए यह कवायद की जा रही है।

जानकारी के अनुसार गृह मंत्रालय के परिवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने गत तीन अगस्त को पत्र भेजकर विदेश से मिले धन पर एनजीओ से सफाई मांगी थी। एनजीओ ने इसका जवाब भी भेज दिया था।
उधर, एनजीओ का कहना है कि प्रशासन का आरोप है कि उक्त धन का उपयोग जनलोकपाल विधेयक के लिए किए गए आंदोलन में किया गया। जांच के दौरान सिसोदिया ने सरकार पर आरोप लगाया कि कोयला घोटाले में फंसी सरकार उन्हें परेशान करने के लिए यह कार्रवाई कर रही है।

2009 के बाद नहीं लिया विदेशी धन
सिसोदिया ने बताया कि एनजीओ ने वर्ष 2009 के बाद से विदेशी धन नहीं लिया है। सरकार चाहे तो जांच कर ले। इस बारे में टीम के अहम सदस्य रहे अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि कोयला घोटाले में फंसी सरकार अपनी घबराहट कम करने के लिए सभी एंजेसियों को हमारे खिलाफ इस्तेमाल कर रही है। उसे कोईग लती मिलती है तो दोगुना सजा दे, लेकिन यह तय करे कि कोयला घोटाले में लिप्‍त मंत्रियों की जांच कौन करेगा?
बालकृष्ण पर भी शिकंजा

बालकृष्ण के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लान्ड्रिंग कानून के तहत मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई उनके खिलाफ सीबीआई की एफआईआर के आधार पर की है। सीबीआई ने बालकृष्ण पर पासपोर्ट कानून में मामला दर्ज किया है। नए मामले में उनकी फिर गिरफ्तारी हो सकती है। वे 17 अगस्त को ही पासपोर्ट हासिल करने के लिए फर्जी कागजात जमा करने के मामले में जमानत पर रिहा हुए हैं।
सूत्रों ने कहा कि ईडी को संदेह है कि बालकृष्ण ने विदेशों में पैसा जमा करने के लिए पासपोर्ट का इस्तेमाल किया हो। रामदेव के ट्रस्टों का कामकाज बालकृष्ण ही संभालते हैं। ईडी रामदेव के ट्रस्टों के खिलाफ विदेशी मुद्रा कानून के उल्लंघन के मामले में पहले से ही छानबीन कर रहा है।

आयकर विभाग ने रामदेव के ट्रस्टों द्वारा आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री पर 58 करोड़ रुपये के कर का और सर्विस टैक्स विभाग ने योग शिविरों पर 5 करोड़ रुपये के टैक्स का नोटिस दिया है। विदेशों में जमा काले धन को देश लाने का अभियान चला रहे योगगुरु ने 1100 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की है।

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