भ्रष्टाचार के खिलाफ जंतर-मंतर पर अन्ना आंदोलन की विफलता से खाली हुई जगह पर अब योगगुरु बाबा रामेदव अपना आसन लगाना चाहते हैं। गुरुवार को रामलीला मैदान में अनशन का आगाज कर उन्होंने यह साफ कर दिया कि उनका मुद्दा सिर्फ कालाधन ही नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का खात्मा और लोकपाल का गठन भी है।
बाबा रामदेव के आंदोलन का स्वरूप इस दफा काफी बदला नजर आ रहा है। एक ओर जहां बाबा के तेवर कुछ नरम हैं, वहीं मंच की रंगत में भगवा रंग भी नदारद है। रणनीति के मामले में भी बाबा इस बार काफी चौकन्ने हैं। पिछले साल के कड़वे अनुभव से सबक लेकर इस बार वह आंदोलन की रणनीति की परतें एक-एक कर स्वयं खोल रहे हैं।
अन्ना की तरह बाबा भी सुबह राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और शहीदी पार्क में शहीदों को नमन करने बाद करीब 10 बजे रामलीला मैदान पहुंचे।
उन्होंने मंच से आंदोलन के पहले चरण में तीन दिन के सांकेतिक अनशन का ऐलान किया। साथ ही कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो फिर अगली रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने मंच से पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की तारीफ की और मौजूदा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी साफ छवि वाला नेता बताया। हालांकि, बाबा ने इस बार निर्णायक लड़ाई लड़ने का ऐलान किया, लेकिन सरकार के साथ बातचीत के रास्ते भी खुले रखे हैं।
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