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राजनीतिक पार्टी बनाने के पक्ष में नहीं थे अन्ना


नई दिल्ली : समाजसेवी अन्ना हजारे राजनीतिक दल बनाने के पक्ष में नहीं थे लेकिन उनकी टीम से जुड़े लोगों ने उन पर दबाव बनाया और राजनीतिक दल बनाने की घोषणा कर दी। एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया है कि अन्ना हजारे पूरी तरह से इसके खिलाफ थे। यहां तक कि उन्होंने पार्टी बनाने के विरोध में जंतर-मंतर पर टीम के सदस्यों के बीच महात्मा गांधी के 1940 में दिए गए भाषण की प्रतियां भी बंटवाई थीं। महात्मा गांधी के इस भाषण का शीर्षक था- `आप अभी तैयार नहीं हैं`। भाषण की इस प्रति से दरअसल अन्ना हजारे अपनी टीम को यह बताना चाहते थे कि अभी उनकी स्थिति ऐसी नहीं है कि वे राजनीतिक दल बना सकें और उसे संचालित कर सकें।

अखबार का कहना है कि राजनीतिक दल बनाने के सवाल पर अन्ना हजारे ने टीम से कई सवाल भी पूछे थे। उनके कुछ प्रमुख सवाल थे, चुनाव के लिए फंड कहां से आएगा? चुनाव कौन लड़ेगा यह कैसे तय होगा? पार्टी का घोषणा पत्र क्या होगा? आदि आदि। एक अन्य अखबार के मुताबिक, इंडिया अगेंस्ट करप्शन की सदस्य सुनीता गोदरा का कहना था कि प्रदर्शन को लेकर सरकार के उदासीन रवैये से अन्ना यह तो मानते थे कि राजनीतिक विकल्प की जरूरत है, लेकिन वह टीम के नई पार्टी बनाने के पक्ष में नहीं थे। सुनीता के अनुसार अन्ना हजारे चाहते थे कि पार्टी की घोषणा से पहले कार्यकर्ता गांव-गांव, शहर-शहर जाकर लोगों से मिलें और उनके मुद्दों पर बात करें। 

टीम अन्ना के इस फैसले से संतोष हेगड़े और श्री श्री रविशंकर भी सहमत नहीं थे। अन्ना का समर्थन करने वाले कई सामाजिक संगठन भी राजनैतिक पार्टी बनाने के फैसले से असहमत थे। अन्ना के करीबी सूत्रों के मुताबिक जब टीम अन्ना के अनशन का कोई नतीजा निकलता नहीं दिखाई दे रहा था, तब टीम ने लड़ाई को जिंदा रखने के लिए राजनैतिक विकल्प की जरूरत बताई थी। लेकिन तब अन्ना ने कहा था कि यह समय आंदोलन को छोड़ने का नहीं है। 

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