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पूर्वोत्तर के खौफजदा नागरिकों का पलायन जारी, अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील


बेंगलुरु/चेन्नै/हैदराबाद/लखनऊ।। नॉर्थ-ईस्ट के लोगों पर बेंगलुरु में शुक्रवार को हमले और हैदराबाद में धमकी के बाद पलायन और बढ़ गया है। देश भर में अलग-अलग जगहों पर रह रहे पूर्वोत्तर के हजारों लोग पुणे, बेंगलुरु, चेन्नै, हैदराबाद और गोवा जैसी जगहों से अपने राज्य को लौट रहे हैं। सरकार और प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद लोगों के मन में बैठा डर निकल नहीं पा रहा है।

बेंगलुरु में हमला
बेंगलुरु में असम के 4 लोगों पर कुछ बदमाशों ने सोडे की बोतल से हमला किया। इस बाबत अशोकनगर पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज करवाई गई है। दूसरी जगह पर मणिपुर के 3 लोगों को एक बस स्टॉप के पास पीटा गया। तीसरे हमले में सब्जी खरीदने गए 23 साल के एक मणिपुरी युवक को पीटा गया।

हैदराबाद में धमकी

इससे पहले हैदराबाद में एग्जाम देने आए मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के 6 लड़कों को कुछ स्थानीय लोगों ने धमकी दी और उन लड़कों ने वापस लौटने के लिए फ्लाइट बुक करा ली थी। 6 लड़कों में से एक पामहेबा ने बताया था, 'मैं सुबह नाश्ता करने के लिए निकला। 7 लोकल लोगों ने मुझसे पूछा कि क्या मैं असम का हूं। मैंने बताया कि मैं मणिपुर का हूं। उन्होंने कहा कि वे सभी स्टेट्स एक जैसे हैं और मुझे तुरंत वापस लौट जाना चाहिए। मेरे दोस्तों को भी कुछ लोगों ने डराया है। हमने लौटने का फैसला किया है।'

5 गिरफ्तार
कर्नाटक में पांच लोगों को अफवाहें फैलाने के लिए गिरफ्तार किया गया है और चार अन्य की पहचान की गई है। हमलों की अफवाहों से डरे पूर्वोत्तर के लोगों में भरोसा कायम करने के लिए कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु में रैपिड ऐक्शन फोर्स (आरएएफ) तैनात करने का फैसला किया है। हालांकि सुरक्षा के तमाम आश्वासनों के बावजूद पूर्वोत्तर के लोगों का पलायन जारी है।

पलायन जारी
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नै में रह रहे पूर्वोत्तरवासियों ने पलायन शुरू कर दिया है। हालांकि बेंगलुरु के मुकाबले चेन्नै से जाने वाले लोगों की तादाद काफी कम है। कर्नाटक के मैसूर, मैंगलोर और कोडगू में रह रहे पूर्वोत्तरवासी ट्रेनों और बसों के जरिये बेंगलुरु आ रहे हैं। यहां रेलवे काउंटरों पर उनकी भीड़ देखी जा सकती है। पिछले तीन दिनों में पूर्वोत्तर के करीब 30 हजार लोग शहर छोड़ चुके हैं। रेलवे गुवाहाटी जाने वाली छह विशेष ट्रेनों के लिए करीब 20 हजार अतिरिक्त टिकट बेच चुका है।

RAF की तैनाती
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री आर. अशोक ने कहा कि बेंगलुरु के तमाम हिस्सों में रह रहे पूर्वोत्तर के लोगों में भरोसा कायम करने के लिए आरएएफ की छह कंपनियां (लगभग 600 जवान) तैनात की जाएंगी। उन्होंने कहा कि ऐसे इलाकों में जहां पूर्वोत्तरवासी बड़ी संख्या में रहते हैं, वहां आरएएफ फ्लैग मार्च करेगी।

जयललिता का आश्वासन
चेन्नै में सैकड़ों पूर्वोत्तरवासी गुवाहाटी जाने वाली ट्रेनों में सवार होने के लिए इग्मोर रेलवे स्टेशन पहुंचे। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने हिंसा के डर को दूर करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, 'तमिलनाडु हमेशा से शांतिपूर्ण रहा है। मेरी सरकार देश के तमाम हिस्सों से आकर तमिलनाडु में रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।' पुलिस कमिश्नर जेके त्रिपाठी ने कहा, 'डरने की जरूरत नहीं है। कोई हिंसक घटना नहीं हुई है। लोगों की नियमित आवाजाही हो रही है।'

असम के मंत्री बेंगलुरु में
पूर्वोत्तर के लोगों के पलायन के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए असम के 2 मंत्री कर्नाटक पहुंच गए हैं। असम के कृषि मंत्री नीलमणि सेन डेका और परिवहन मंत्री चंदन ब्रह्मा ने बेंगलुरु रेलवे स्टेशन पहुंचने पर कहा कि वे हालात की समीक्षा करने के लिए कर्नाटक के अधिकारियों से मिलने आए हैं। ब्रह्मा ने बताया कि उन्होंने कर्नाटक में रह रहे पूर्वोत्तर के छात्रों और असमिया समुदाय के और लोगों से मुलाकात की है। पूवोर्त्तर के लोगों को स्टेशन पर संबोधित करते हुए ब्रह्मा ने कहा कि लोगों को असम लौटने की जरूरत नहीं है क्योंकि कर्नाटक उनके गृह राज्य से ज्यादा सुरक्षित है। ब्रह्मा ने यह भी कहा कि वह अगले दो दिन बेंगलुरु में ही रहेंगे। डेका ने पूर्वोत्तर के लोगों से कर्नाटक नहीं छोड़ने की अपील की है। उन्होंने कहा कि समुदाय के लोग कायर नहीं है और उनसे हालात का सामना करने की अपील की।

हैदराबाद के हालात
हैदराबाद में पुलिस ने वहां रह रहे पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों को उनकी सुरक्षा के प्रति आश्वस्त करते हुए शहर या राज्य के किसी भी हिस्से से बड़ी संख्या में लोगों का पलायन होने से इनकार किया। राज्य के पुलिस महानिदेशक वीदिनेश रेड्डी ने कहा, 'हैदराबाद को सांप्रदायिक सौहार्द के लिए जाना जाता है और मैं असम की जनता को उनकी सुरक्षा के प्रति आश्वस्त करता हूं। उन्हें अफवाहों को लेकर नहीं डरना चाहिए। हम हालात की समीक्षा कर रहे हैं। हैदराबाद में असमी जनता पर कोई हमला नहीं हुआ है।'

उत्तर प्रदेश में हिंसा
मुंबई के बाद असम हिंसा की आग यूपी के भी कई शहरों में भड़क उठी। लखनऊ, कानपुर और इलाहाबाद में अलविदा की नमाज के बाद उपद्रवियों ने जमकर बवाल किया। राहगीरों और महिलाओं से बदसलूकी की। दुकानें लूटीं, कई गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया और मीडियाकर्मियों को निशाना बनाने से भी नहीं चूके। बवाल की शुरुआत लखनऊ से हुई और इसका असर इलाहाबाद व कानपुर में भी दिखाई दिया। इलाहाबाद में तो भारी बवाल और पथराव के बाद एक इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया। शहर में 200 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़-फोड़ कर आग लगाने की कोशिश की गई। लखनऊ में बुद्ध पार्क घूमने गईं महिलाओं को घेरकर उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए।


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