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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

कोयला घोटाले के विरोध में इंडिया अगेंस्ट करप्शन की हुंकार


दिल्ली की आंख इस खबर से खुली कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की आवाज बनकर उभरे इंडिया अगेंस्ट करप्शन के वरिष्ठ कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, संजय सिंह और कुमार विश्वास को सरकार ने हिरासत मे ले लिया है. अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय को प्रधानमंत्री आवास 7, रेसकोर्स रोड के सामने से सुबह 6.30 बजे हिरासत में ले लिया गया. वहीं मनीष सिसोदिया और कुमार विश्वास को सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ के सामने से और संजय सिंह को नितिन गडकरी के आवास 13 तीनमूर्ति लेन के सामने से हिरासत में ले लिया गया. अरविंद केजरीवाल ने हिरासत में लिए जाने के बाद प्रेस से बातचीत में कहा, “सड़क पर घूमना कौन से कानून का उल्लंघन है. हमें किन धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया यह बताने को कोई तैयार नहीं है. हम अपने नेताओं से शांतिपूर्ण तरीके से यह पूछने जा रहे थे कि जब देश के राजनीतिक दल कोई बंद या घेराव का आह्वान करते हैं तो सरकार उन्हें पुलिस सुरक्षा प्रदान करती है. आदर सत्कार करती है लेकिन जब देश की आम जनता अपना विरोध जताने की कोशिश करती है तो उसे रोकने के लिए मेट्रो रेल बंद कर दी जाती है. क्या देश में अब लोकतंत्र बचा नहीं?”

पुलिस ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सभी वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर मंदिर मार्ग थाने में रखा था. अरविंद केजरीवाल को पुलिस घसीटते हुए मंदिर मार्ग थाने ले गई जबकि मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के साथ मारपीट की गई. पुलिस सभी लोगों को दिल्ली से बाहर ले जाना चाहती थी लेकिन कार्यकर्ताओं के विरोध के कारण उसे सबको मुक्त करना पड़ा. इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सभी वरिष्ठ कार्यकर्ता हिरासत से निकलने के बाद जंतर-मंतर पहुंचे.

इंडिया अगेंस्ट करप्शन का नेतृत्व अपने संवैधानिक अधिकारो का प्रयोग करते हुए देश के शीर्ष नेताओं से यह पूछने गया था कि लोकतंत्र का गला क्यों घोंटा जा रहा है?  देश के दोनों बड़े दलों के नेताओं की मिलीभगत से हुए 1 लाख 86 हजार करोड़ रुपए के कोयला घोटाले के विरोध में हो रहे जनप्रदर्शन को रोकने के लिए मेट्रो रेल और एसएमएस को क्यों रोका जा रहा है? अरविंद केजरीवाल ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन की ओर से इस बात की गारंटी ली थी कि सारा प्रदर्शन एकदम शांतिपूर्ण होने वाला था फिर देश के नेता जनता की आवाज को दबाने के लिए क्यों तरह-तरह की चालें चल रहे हैं?

इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की मिलीभगत से हुए एक लाख 86 हजार करोड़ रुपए के कोयला घोटाले के विरोध में प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के घर का घेराव करने का आह्वान जनता से किया तो सरकार में खलखली मच गई. हताश सरकार ने दिल्ली पुलिस को इस जनविरोध को दबाने में लगाया था और पुलिस ने 26  अगस्त को दिल्ली मेट्रो को छह मुख्य मेट्रो स्टेशनों को बंद करने का हुक्म दिया था जिससे जनता इस विरोध प्रदर्शन में शामिल न हो सके.

सरकार के इस दमनकारी प्रयास से देश की जनता का हौसला कम नहीं हुआ है. जंतर-मंतर पर रविवार को प्रस्तावित कार्यक्रम पहले की तरह जारी रहेगा. सुबह 10 बजे से जनता जंतर-मंतर पर जमा होगी और उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी. देश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा की मिलीभगत से देश को 1.86 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है जनता इसका हिसाब मांगने सड़क पर जरूर उतरेगी. दिल्ली मेट्रो ने पहले की घोषणा के तहत जिन छह मेट्रो स्टेशनों को बंद रखने का फैसला किया था उसे वापस लेने की खबरें आ रही हैं.

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