" "

भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

कोयले की लड़ाई, सड़क पर आई ...


कोयला घोटाले पर संसद की लड़ाई अब खुलकर सड़क पर आ गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भाजपा पर हमले की शुरूआत पाकिस्तान सीमा से जुड़े बाड़मेर की रेतीली धरती से की। उन्होंने संसद न चलने देने के भाजपा के कदम को अलोकतांत्रिक करार देते हुए यहां तक कह दिया कि कुछ लोग चाहते हैं कि सब कुछ उनकी मर्जी का हो या फिर कुछ भी नहीं हो।

लोकतंत्र में यह नहीं चलेगा। कोयला घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री के इस्तीफे पर अड़ी भाजपा पर कांग्रेसियों को आक्रामक अंदाज में पलटवार का निर्देश दे चुकीं सोनिया ने सड़क पर भी इस लड़ाई का शंखनाद कर दिया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाड़मेर की रेगिस्तानी धरती पर 200 किमी दूर से पानी पहुंचाने की योजना के शुभारंभ के बहाने राज्य में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत भी कर दी। अगले साल राज्य में होने वाले चुनावों से पहले इस बंजर इलाके में मीठा पानी पहुंचा कर गहलोत ने इस मौके को अपनी चुनावी तैयारियों से जोड़ा तो सोनिया ने जनता को यह समझाने की कोशिश की कि भाजपा लोकतंत्र और देशहित के खिलाफ है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत संप्रग के दामन पर कोयले की कालिख को धोने के लिए उन्होंने संसद में विपक्ष को बहस की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि अगर संसद में इस मामले पर चर्चा होगी तो ''सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। देश के सामने महंगाई, आंतरिक सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं का हवाला देते हुए सोनिया ने संसद न चलने देने की विपक्ष की प्रवृत्ति को देश के लिए घातक करार दिया।

उन्होंने भाजपा पर लोकतंत्र की विरासत को नष्ट करने का आरोप मढ़ते हुए कहा, कुछ लोग हर मामले में राजनीति कर रहे हैं, जबकि यह समय एकजुट होकर देश के सामने मौजूद चुनौतियों का सामना करने का है। इससे पहले सोनिया से हिमालय का पानी यहां लाने वाली बाड़मेर लिफ्ट परियोजना का उद्घाटन कराते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने शहरी बीपीएल परियोजना का शुभारंभ भी कांग्रेस अध्यक्ष के हाथों से ही कराया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री डा. सी.पी. जोशी, मुकुल वासनिक व भंवर जितेंद्र सिंह के अलावा बाड़मेर-जैसलमेर से कांग्रेसी सांसद हरीश चौधरी तथा अन्य तमाम दिग्गज मौजूद रहे।

" "