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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

अजब भ्रष्टाचार की गजब कहानी


जयपुर.प्रदेश में भ्रष्टाचार के इतिहास के एक अजब-गजब और सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ है। जयपुर नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारी हिंगोनिया गोशाला में हजारों गायें दर्शा कर हर महीने 12 लाख रु. का घोटाला कर रहे थे। इस तथ्य के उजागर होने के बाद जब गायों के भौतिक सत्यापन कराने की भनक घोटालेबाजों को लगी तो उन्होंने एक दिन पहले ही 3954 गायों को मृत दर्शा दिया। 

गोशाला में 7515 गायों के नाम से सरकारी खजाने से गो-ग्रास उठता रहा। जांच टीम मौके पर पहुंची तो 3921 (एक रिकॉर्ड में 4242 भी) गायें ही मिलीं। छह साल चली इस जांच के बाद एसीबी ने गोशाला के तत्कालीन आयुक्त सांवरमल मीणा, तत्कालीन पशु चिकित्सा अधिकारी कैलाश राव मोढ़े, तत्कालीन प्रभारी महेशकुमार शर्मा तथा अन्य को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। अब दोषियों के खिलाफ चालान पेश करने की तैयारी की जा रही है। 

सांवरमल मीना 25 फरवरी 2005 से 6 नवंबर 2006 तक गोशाला के तत्कालीन आयुक्त थे। घोटालेबाजों ने महज 10 महीनों में एक करोड़ 21 लाख 50 हजार रु. के चारे के नाम पर सरकारी खजाने को आर्थिक हानि पहुंचाई थी। एसीबी के अनुसार हुआ ये कि हिंगोनिया में नवंबर 2006 में 7515 गाएं थीं, लेकिन दिसंबर 2006 में जब गोशाला में नई कमिश्नर अनुप्रेरणा कुंतल ने अचानक भौतिक सत्यापन कराने को कहा तो एक दिन इनमें से 3594 गायें कम कर दी गईं। इस कमी का कारण बताया गया कि ये सब बीमारी और बुढ़ापे के कारण मर गईं हैं। 

एसीबी जांच के अनुसार गोशाला प्रबंधकों ने पशुओं के लिए आने वाले चारे और खाखले के नाम पर नगर निगम को भारी आर्थिक हानि पहुंचाई। गोशाला में गायों को पांच किलो चार हर रोज दिया जाता था। सारा घोटाला इसी नाम पर हुआ। हर गाय को तीन किलो खांखला और दो किलो कुट्टी दी जाती थी। इसलिए गायों की फर्जी एंट्री करके फर्जी उपभोग दिखाकर घोटाला किया गया।

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