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नई दिल्ली। अन्ना टोली के अहम रणनीतिकार अरविंद केजरीवाल के फैसले पर टीम अन्ना का मतभेद सामने आ गया है। कोल ब्लॉक आवंटन मुद्दे पर बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी के घर का घेराव करने के केजरीवाल के फैसले पर किरण बेदी ने असहमति जताई है। किरण बेदी ने टीम अन्ना के फैसले के खिलाफ जाते हुए कहा है कि सदस्यों और कार्यकर्ताओं को सिर्फ पीएम और सोनिया के घर का ही घेराव करना चाहिए।
किरण बेदी का मानना है कि सत्ता से बाहर बैठे लोगों को विरोध करने से कुछ हासिल नहीं होना है। इसी वजह से गडकरी के घर का घेराव नहीं किया जाना चाहिए। वहीं केजरीवाल रविवार को पीएम, गडकरी समेत उन तीन मुख्यमंत्रियों के घर के घेराव का भी ऐलान कर चुके हैं जिनका नाम कोल ब्लॉक आवंटन मामले में सामने आया है।
केजरीवाल ने ऐलान किया है कि रविवार को ही उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के घर का भी घेराव किया जाएगा। इन सभी ने केंद्र को चिट्ठी लिखकर कोल ब्लॉक की नीलामी न किए जाने का अनुरोध किया था।
इसपर अरविंद केजरीवाल के फैसले से गोपाल राय, प्रशांत भूषण, शांति भूषण ने सहमति जताई थी। दरअसल, बीजेपी और सहयोगी दलों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र को ब्लॉक की नीलामी न किए जाने पर चिट्ठी लिखी थी, इससे टीम अन्ना का मानना है कि सभी दल इस घोटाले में शामिल हैं। घर घेरने के फैसले से आम लोगों में संदेश जाएगा कि दोनों ही दलों ने मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया और अब संसद की कार्यवाही नहीं चलने दे रहे हैं।
बता दें कि किरण बेदी राजनीतिक दल के गठन के फैसले से भी सहमत नहीं थीं। किरण शुरुआत से ही इस मसले पर टीम की अहम बैठकों में भी शामिल नहीं रही।