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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

भ्रष्टाचार …चीन में सजा… भारत में मज़ा...


चीन में गत मंगलवार को दो भ्रष्ट राजनेताओं को फाँसी पर चढ़ा दिया गया – ये थे पूर्व मेयर जो रिश्वत लेने, हेराफेरी और पद के दुर्रपयोग के दोषी पाए गए. १२ मई को मृत्यु दंड की सजा सुनाई गई और महज़ २ महीने नौं दिन के बाद लटका दिया गया. भ्रष्टाचार के प्रति अपनी ‘ जीरो टालरेंस ‘ निति की बदौलत आज चीन विकास स्तर में भारत से मीलों आगे निकल गया है. ऐसी अनेकों उदाहरण चीन में देखने को मिलती हैं जब भ्रष्टाचार में लिप्त राजनेताओं, कर्मचारियों व् अन्य नागरिकों को सूली पर लटका दिया गया.

हमारे यहाँ ऐसी एक भी उदहारण ‘ ढूँढते रह जाओगे ‘ सूली तो क्या किसी को मामूली सजा भी हुई हो. आज हम विश्व के भ्रष्ट देशों के सिरमौर बन कर उभरे हैं और शीर्ष स्थान तक पहुँचाने के लिए चंद पायदान की दरकार है. भ्रष्टाचार के कीर्तिमान बनाने में हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री महा पंडित श्री श्री जवाहर लाल जी नेहरु का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. पंडित जी द्वारा रोपे और सिंचित किये गए भ्रष्टाचार के बूटे आज वट वृक्ष बन उभरे हैं .पंडित जी के कार्यकाल में पहला घोटाला जीप घोटाला था जिसे उनके चहेते कृष्णा मेनन ने सरअंजाम दिया था.

आजाद भारत का यह पहला घोटाला था और वह भी देश की सुरक्षा से सम्बंधित ! नाम – मात्र के विरोधी सांसदों ने यह मामला जोर शोर से संसद में उठाया… नेहरु जी बुरा मान गए – कृष्णा मेनन नेहरु जी के ख़ास राजदार जो ठहरे ? मेनन को सजा तो क्या ! इनाम सवरूप रक्षा मंत्री बना दिया ! नतीजा ६२ के युद्ध में हम चीन के हाथों पराजित हुए और हजारों मील अपनी भूमि से हाथ धो बैठे. नेहरु जी सदमे से उबर न सके और अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए.

दूसरा भ्रष्टाचार भी नेहरु जी की ही देन था जब पंजाब के वृष्ट नागरिक व् राजनेता नेहरु जी से मिले और ततकालीन मुख्यमंत्री परताप सिंह कैरो की लूट खसूट की शिकायत की. नेहरु जी ने कैरो के खिलाफ कार्रवाही तो क्या करनी थी उल्टा ‘जुमला’ दे मारा ‘ अरे भई कैरो यह लूट का पैसा कोई बाहर तो नहीं ले गया – देश में ही लगा रहा है. भ्रष्टाचार के प्रति ‘सब चलता है’ की इस नीति के चलते और नेहरु जी की नादानी के परिणाम स्वरुप आज , स्विस बैंकों में भ्रष्टाचार से लूटा गया – भारत का काला धन १५०० बिलियन डालर को पार कर गया है.

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