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team anna ramdev |
अन्ना हजारे और रामदेव का उल्लेख किए बगैर महामहिम ने उनके आंदोलनों को लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताते हुए तीखा प्रहार किया था। उन्होंने संसद को सर्वोच्च बताते हुए आगाह किया था कि अगर लोकतांत्रिक संस्थाओं पर प्रहार हुआ तो देश में अव्यवस्था फैल जाएगी। देश के 66वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने पहले संदेश में मुखर्जी ने कहा कि भ्रष्टाचार की महामारी के खिलाफ गुस्सा और आंदोलन जायज है, लेकिन यह हमारे देश की क्षमता और ताकत को खोखला कर रही है। टीम अन्ना और रामदेव की तरफ से संसद और राष्ट्रपति समेत तमाम संस्थाओं पर प्रहारों पर इशारों में संयत रहने की नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि कभी-कभार जनता धैर्य खो देती है, लेकिन इसे लोकतांत्रिक संस्थाओं पर प्रहार का बहाना नहीं बनाया जा सकता।
लाल किले के प्राचीर से दिए गए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भाषण को लेकर भी बाबा का पारा चढ़ गया है और लगातार दूसरे दिन उन्होंने पीएम का मज़ाक उड़ाया। उन्होंने कहा,'पीएम ने काले धन और भ्रष्टाचार पर एक शब्द भी नहीं बोला। प्रधानमंत्री ने अपना नहीं, किसी दूसरे का लिखा भाषण पढ़ा है।' प्रधानमंत्री की खिल्ली उड़ाते हुए योग गुरु ने कहा, 'मनमोहन सिंह ऐसा भाषण देते हैं, जैसे वह वेंटिलेटर पर जी रहे हों। भ्रष्टाचार के खिलाफ वह न खुद बोलते हैं, न ही कांग्रेस का कोई नेता बोलता है।
प्रधानमंत्री के भाषण को लेकर टीम अन्ना ने भी सवाल उठाए हैं। किरन बेदी ने ट्विटर पर कहा, 'आज देश के सामने दो चुनौतियां हैं। राजनीतिक भ्रष्टाचार और नौकरशाहों की असंवेदनशीलता। दोनों को बदलने के लिए सही नेतृत्व की जरूरत है। प्रधानमंत्री के भाषण में यह तो कहा गया है कि क्या किया जा सकता है, लेकिन समस्या यह है कि कौन, कैसे और कब करेगा। लोगों का भरोसा उठ गया है। अब जनता को प्रधानमंत्री से सरकार का प्रदर्शन आंकने का औजार चाहिए। जनता में भरोसा बहाल करने के लिए नेतृत्व की कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए। अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री लिखा हुआ भाषण पढ़ने के बजाय सीधे दिल से बोलें, तभी आम आदमी उनसे जुड़ पाएगा।
केजरीवाल ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए ट्विटर पर कहा है कि आज अपनी तकदीर हमारे अपने हाथों में न होकर कुछ करप्ट पॉलिटिशंस, अधिकारियों और कॉर्पोरेट्स के हाथ में है। उन्होंने कहा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि एक दिन आएगा, जब लोगों की किस्मत उनके अपने हाथों में होगी। यही वह दिन होगा, जिस दिन हमें सही मायनों में आजादी मिलेगी।
मजबूत लोकपाल के लिए लड़ाई लड़ रहे केजरीवाल ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि एक दिन आएगा, जब लोग किसी को 5 साल में एक बार चुन लेने भर के बजाए सीधे ही कानून बनाएंगे। एक दिन आएगा, जब देश के कानूनों में उन लोगों के लिए बहुत कुछ होगा, जिनके पास जिंदगी में बहुत कम है।' केजरीवाल के मुताबिक जब तक लोगों को करप्शन से आजादी नहीं मिल जाती, तब तक आजादी अधूरी है। उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि एक दिन ऐसा भी आएगा, जब हमें असली और सच्चा लोकतंत्र मिलेगा।