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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

आदर्श स्थापित करेगा अन्ना हजारे का राजनीतिक विक


जंतर-मंतर पर 10 दिनों तक चले आंदोलन के बाद इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्यों ने 12 अगस्त 2012 को दिल्ली में बैठक की. जंतर-मंतर का अनशन तो 3 अगस्त 2012 को ही देश को एक आदर्श राजनीतिक विकल्प देने के निर्णय के साथ समाप्त हो गया था लेकिन अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और गोपाल राय को डॉक्टरों ने कुछ दिनों तक  स्वास्थ्य लाभ के लिए आराम करने की सलाह दी थी इसलिए कोई बैठक नहीं हो पाई थी.

चूंकि राजनीतिक विकल्प देने की मांग आंदोलन के दौरान जनता के बीच से ही उभरी थी इसलिए अन्ना और उनके सहयोगियों के सामने चुनौती बड़ी है. कल की मीटिंग में इसी आदर्श राजनीतिक विकल्प के स्वरूप पर चर्चा हुई.  

मीटिंग में तय हुआ कि जल्द ही 80 लोगों की एक ‘तैयारी समिति’ गठित की जाएगी जो आगे की रणनीतियों के लिए मार्गदर्शन करेगी.

इस समिति में देश के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता, किसान नेता, छात्रों के प्रतिनिधि और अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य कर रहे समाज के प्रबुद्ध नागरिकों को शामिल किया जाएगा. समिति के सदस्यों के नाम की घोषणा 26 अगस्त 2012 को होगी.

तैयारी समिति की पहली बैठक भी 26 अगस्त को होगी. इसी समिति को नई राजनीतिक क्रांति का नाम और उसका संविधान तैयार करने का दायित्व सौंपा गया है और उसे 2 अक्टूबर 2012 से पहले अपना काम पूरा करना होगा.

रविवार की बैठक में सर्वसम्मति से कुछ ऐसे निर्णय लिए गए जो यह इशारा करते हैं कि अन्ना हजारे के द्वारा देश के सामने रखा जाने वाला राजनीतिक विकल्प भारत के मौजूदा राजनीतिक दलों से अलग, आदर्श राजनीतिक मूल्य स्थापित करेगा. यह राजनीतिक आंदोलन देश और अपने कार्यकर्ताओं के प्रति पूर्णरूप से जवाबदेह होगा.

इस राजनीतिक क्रांति में आंतरिक अनुशासन बना रहे और कार्यकर्ताओं का चरित्र बेदाग हो, यह पहली प्राथमिकता होगी. इसके लिए एक आंतरिक लोकपाल कमेटी के गठन का प्रस्ताव है जिसमें तीन रिटायर्ड जज शामिल होंगे. ये लोकपाल इस आंदोलन से जुड़े पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के आचरण पर पैनी नजर रखेंगे.

अगर कोई सदस्य भ्रष्टाचार के किसी मामले में लिप्त पाया गया तो उसे तत्काल इस आंदोलन से अलग कर दिया जाएगा.

देशभर में सक्रिय इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ता 16 अगस्त से मीटिंग के लिए दिल्ली आ रहे हैं जिसमें संगठन के स्वरूप पर चर्चा होगी.
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