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medha patkar |
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर का मानना है कि अन्ना समर्थकों को राजनीति में आने से पहले एक बार फिर से विचार कर लेना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि अन्ना के आंदोलन को नाकामयाब करार देना अभी जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि मजबूत ऐंटि-करप्शन कानून की मांग को लेकर चलाए गए आंदोलन के इस तरह थमने के बावजूद अन्ना समर्थक लड़ाई से अलग नहीं हुए हैं।
पाटकर ने कहा, 'फिलहाल यह नहीं मान लेना चाहिए कि अन्ना का आंदोलन फेल हो गया है। कई लोग आज भी इस आंदोलन के पक्ष में हैं और वे समय-समय पर इसका समर्थन करते रहेंगे। हमें इस आंदोलन के नतीजे पर पहुंचने से पहले थोड़ा और इंतजार करना चाहिए।'
टीम अन्ना की सदस्य रहीं पाटकर ने कहा कि कोई भी पार्टी नहीं चाहती कि मजबूत लोकपाल कानून आए। ऐसे में देश में बढ़ रहे करप्शन को खत्म करने के लिए सिर्फ एक कानून पर ही फोकस नहीं किया जाना चाहिए। मेधा मानती हैं कि अन्ना समर्थकों को सक्रिय राजनीति में उतरने से पहले अच्छी तरह से विचार करना चाहिए