नई दिल्ली। योग गुरू बाबा रामदेव अन्ना हजारे की राह पर नहीं चलेंगे। बाबा ने काला धन वापस लाने की मांग को लेकर 9 अगस्त से दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलन करेंगे इसी बीच बाबा रामदेव ने चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया है। बाबा ने कहा कि 121 करोड़ लोगों को हक दिलाने के लिए चुनाव लड़ने की कोई जरूरत नहीं है। बाबा ने कहा कि सभी लोगों के लिए चुनाव लड़ना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सभी लोग चुनाव लड़ने लगे तो कितने पोलिंग बूथ बनाने पड़ेंगे? सभी के चुनाव लड़ने पर ईवीएम मशीनें भी कम पड़ जाएगी।
बाबा ने कहा कि उनका कोई राजनीति एजेंडा नहीं है। योग गुरू ने कहा कि उनका एजेंडा भ्रष्टाचार, मिटाना,काला धन वापास लाना और व्यवस्था परिवर्तन है। उन्होंने कहा कि काला धन वापस लाने,भ्रष्टाचार मिटाने और व्यवस्था परिवर्तन के मुद्दे पर वह पार्टियों का ध्रुवीकरण करेंगे। बाबा ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले अन्ना हजारे की सोच के साथ है लेकिन उनके राजनीतिक एजेंडे के साथ नहीं है। बाबा ने कहा कि अन्ना के आंदोलन का राजनीतिकरण हो गया है। बाबा ने कहा कि उनके लिए अन्ना की पार्टी और दूसरी पार्टियों में कोई फर्क नहीं है।
बाबा ने कहा कि अकेले लोकपाल से भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सीबीआई को सरकारी नियंत्रण से मुक्त रखना जरूरी है। मुख्य चुनाव आयुक्त,सीबीआई निदेशक,सीवीसी प्रमुख,कैग प्रमुख की नियुक्ति में सरकारी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। अगर ये सब चीजें हो जाए तो 90 फीसदी भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा।
बाबा ने कहा कि उनका कोई राजनीति एजेंडा नहीं है। योग गुरू ने कहा कि उनका एजेंडा भ्रष्टाचार, मिटाना,काला धन वापास लाना और व्यवस्था परिवर्तन है। उन्होंने कहा कि काला धन वापस लाने,भ्रष्टाचार मिटाने और व्यवस्था परिवर्तन के मुद्दे पर वह पार्टियों का ध्रुवीकरण करेंगे। बाबा ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले अन्ना हजारे की सोच के साथ है लेकिन उनके राजनीतिक एजेंडे के साथ नहीं है। बाबा ने कहा कि अन्ना के आंदोलन का राजनीतिकरण हो गया है। बाबा ने कहा कि उनके लिए अन्ना की पार्टी और दूसरी पार्टियों में कोई फर्क नहीं है।
बाबा ने कहा कि अकेले लोकपाल से भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सीबीआई को सरकारी नियंत्रण से मुक्त रखना जरूरी है। मुख्य चुनाव आयुक्त,सीबीआई निदेशक,सीवीसी प्रमुख,कैग प्रमुख की नियुक्ति में सरकारी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। अगर ये सब चीजें हो जाए तो 90 फीसदी भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा।