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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

लोकपाल के लिए लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई: बाबा रामदेव


योग गुरु बाबा रामदेव ने गुरुवार को कहा कि लोकपाल विधेयक के लिए लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है और सरकार को देश की जनता को यह कानून देना होगा। रामदेव ने गुरुवार से भ्रष्टाचार व काले धन के विरोध में रामलीला मैदान में अनशन शुरू किया है।

उन्होंने हजारों समर्थकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकपाल के लिए लड़ाई समाप्त नहीं हुई है। देश की जनता को एक मजबूत लोकपाल दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि लोकपाल विधेयक का सरकारी संस्करण नहीं होना चाहिए। सरकारी संस्करण बहुत कमजोर होगा।

छह दिन पहले, तीन अगस्त को ही अन्ना हजारे व उनकी टीम के सदस्यों ने सख्त जनलोकपाल विधेयक की मांग को लेकर किया जा रहा अपना अनशन समाप्त कर दिया था। उन्होंने लोगों को राजनीतिक विकल्प देने की बात कही है। अनशन समाप्त होने के बाद छह अगस्त को टीम अन्ना भी भंग कर दी गई।

उन्होंने रामलीला मैदान आने से पहले राजघाट व शहीद पार्क में महात्मा गांधी व भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी। रामदेव गुरुवार को ही दिल्ली पहुंचे हैं। इससे पहले वह सोमवार से गुजरात में वल्लभभाई पटेल स्मारक पर ध्यान लगा रहे थे।

दिल्ली पुलिस ने रामदेव के आंदोलन के आयोजकों को 30 अगस्त तक के लिए रामलीला मैदान में जगह दी है। यहां हर दिन केवल 30,000 लोगों के जुटने की इजाजत दी गई है।

रामदेव ने एक साल पहले भी इसी मैदान में ऐसा ही एक आंदोलन किया था। पुलिस की कड़ी कार्रवाई और एक महिला की मौत के साथ उस आंदोलन की समाप्ति हुई थी।

रामदेव के दूसरे चरण के आंदोलन में उनके एजेंडा में कालेधन की वापसी के साथ साथ लोकपाल, सीबीआई को स्वतंत्र रखने और निर्वाचन आयोग, कैग, सीवीसी और सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को और अधिक पारदर्शी बनाने की मांग भी शामिल हो गई है। 
    
पिछले साल चार जून को उन्होंने रामलीला मैदान में आंदोलन शुरू किया था, जो पुलिस की कार्रवाई के बाद छह जून की सुबह खत्म हो गया था।

पुलिस ने कहा कि रामदेव ने उन नियमों का उल्लंघन किया था, जिनपर वह पहले सहमत हुए थे। उस रात वह महिलाओं के कपडे पहन कर भागने का प्रयास करते हुए पकड़ लिए गए थे। 
    
इस आंदोलन के शुरू होने के समय अन्ना हजारे मौजूद नहीं थे, हालांकि उन्होंने आंदोलन में शामिल होने की घोषणा की थी। हजारे के अनशन समाप्त करने और राजनीति के मैदान में आने का निर्णय करने और फिर अपनी टीम को भंग करने के एक सप्ताह के बाद रामदेव ने अपना आंदोलन शुरू किया है। 
    
रामदेव ने कहा कि उनका कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है और अगर सरकार कालेधन, लोकपाल बिल, नियुक्ति प्रक्रिया और सीबीआई को स्वतंत्र बनाने की उनकी मांगों को नहीं मानती है तो दूसरे चरण का आंदोलन शुरू किया जाएगा।

बाबा रामदेव के तेवर कुछ ऐसे हैं मानो वो आरपार की लड़ाई के लिए तैयार होकर दिल्ली आए हों। आंदोलन से पहले रामदेव ने मीडिया से कहा कि उनका कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है।

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